खुशखबरी! केंचुआ खाद तैयार करने पर राज्य सरकार देगी 50,000 रुपए तक अनुदान, जानें पूरी योजना पशुपालक किसानों के लिए खुशखबरी! अब सरकार दे रही है शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपए तक अनुदान गर्मी में घटता है दूध उत्पादन? जानिए क्या है वजह और कैसे रखें दुधारू पशुओं का खास ख्याल Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 7 February, 2019 12:00 AM IST

वैसे तो भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग फल, फूल और पौधों की वनस्पतियां आसानी से मिल जाती हैं. लेकिन अगर हम देश के पर्वतीय इलाकों की बात करें तो बुरांस का वृक्ष यहां की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने का काम भी करता है. बंसत में खिलने वाला ये खास फूल उत्तराखंड की गहराई में पाया जाता है. वैसे तो अधिकतर ये ठंडे और पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं कि बुरांस का वृक्ष केवल लाल रंग का ही होता है लेकिन खास बात है कि यह फूल लाल रंग के अलावा सफेद, गुलाबी, पीले और नीले रंग का भी होता है. ये खास फूल उत्तराखंड के अलावा उसके पड़ोसी राज्यों जैसे - हिमाचल, सिक्किम और पड़ोसी देश नेपाल में भी पाया जाता है. पड़ोसी राज्य सिक्किम में इसकी 45 से 50 प्रजातियां पाई जाती है.

यह भी पढ़ें - बंजर ज़मीन पर उग रहे हैं लिलियम के फूल

बुरांस का फूल

बुरांस सुंदर फूलों वाला एक वृक्ष है. गर्मियों के मौसम के दिनों में ऊंची पहाड़ियों पर खिलने वाले बुरांस का सुंदर फूल सूर्ख पहाड़ियों से पूरी तरह से भर जाती है. इस फूल का वैज्ञानिक नाम रोडोड्रेडोन है. बुरांस के फूल की पत्तियां मोटी, घंटी के आकार के लाल रंग की होती है. अधिकतर बुरांस के फूल सुंदर व मनमोहक होते है. इसकी खास बात है कि इस फूल में सुगंध नहीं होती. यह हिमालय के क्षेत्र में 1500 से 3600 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है. बुरांस के फूलों का शरबत प्राय ह्दृय रोगियों के लिए बेहतर माना जाता है.

बुरांस की खेती

जलवायुः अफ्रीका व दक्षिणी अमरीका को छोड़कर विश्व के सभी भागों में यह जंगली रूप में पाया जाता है. इसकी कुछ प्रजातियां दक्षिणी व दक्षिणी पूर्व एशिया के देशों में पाई जाती है.

मृदाः बुरांस की खेती के लिए अम्लीय मृदा, पीएम मान पांच से कम हो तो वह अच्छा माना जाता है. इसको अम्लीय खाद मिलाकर आसानी से उगा दिया जाता है. बुरांस का पेड़ मुख्य रूप से रेतीली व पथरीली भूमि दोनों में नहीं उगता है.

पोषकः बुरांस के फूल के पौधे में भोजन लेने वाली जड़े मिट्टी की ऊपरी सतह पर होती है. गर्मी के मौसम में उन पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है. इसमें पूर्ण रूप से सड़ी हुई गोबर की खाद बिजाई के दौरान डाल देनी चाहिए. मशरूम के उत्पाद व अवशेष को किसी भी रूप में बुरांस के पेड़ में प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसकी वजह है कि इसमें चूने की मात्रा होती है जो कि मिट्टी की अम्लीयता को प्रभावित करने का पूरा कार्य करती है.

यह भी पढ़ें -  फूलों का रखें ऐसे ख्याल

प्रवर्धनः प्राकृतिक रूप से इसका प्रसारण बीज के जरिए किया जाता है. इसके अलावा सामान्य कलम इसके प्रवर्धन का एक बेहद ही अच्छा माध्यम है.

कलमः बुरांस की कलम के प्रवर्धन के लिए जड़ मुख्य है. तना कलम भी मातृ पौधे से गर्मी ले लेता है. कलम में जैसे ही जड़ निकल जाए इसके आधार पर छोटे-छोटे घाव करने चाहिए.

बीजः बुरांस के पौधे ग्राफ्टिंग और शोभा पौधों के प्रवर्धन के काम में आते है. इस फूल के बीजों को शरद ऋतु के अंत व बंसत ऋतु से पहले बोने का काम किय़ा जाता है. इस बीज को अंकुरण से रोपाई अवस्था में आने में तीन महीने लग जाते है. इसके लिए 15 से 21 डिग्री के तापमान की आवश्यकता है.

English Summary: Flower blossom found in the Himalaya lap
Published on: 07 February 2019, 02:55 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now