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Updated on: 9 August, 2019 12:00 AM IST

मध्य प्रदेश के बैतूल में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कर चुके आकाश वर्मा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पहली बार मधुमक्खीपालन का प्रशिक्षण देखा. वह इस कार्य को देखकर इतने प्रभावित हुए कि इंजीनियरिंग की ढाई लाख रूपए सालाना की नौकरी को छोड़कर मधुमक्खी पालन के कार्य में जुट गए है. इस कार्य के बारे में शुरूआत में उनको बिल्कुल भी अनुभव नहीं था. लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और डेढ़ महीने तक 15 डिब्बे में मधुमक्खियों को पालने का कार्य किया. यहां पर 15 डिब्बों से 10 महीने में 500 किलो शहद को निकालने का कार्य किया है. बाद में उन्होंने इसको बेचकर एक लाख पचास हजार रूपए कमाएं है.

दिया जा रहा है प्रशिक्षण

यहां पर आकाश वर्मा ने इलेक्ट्नॉनिक्स में डिग्री हासिल की थी. दो साल सिस्का और दो साल वीवो कंपनी में उन्होंने नौकरी की है. नौकरी पूरी करने के बाद वह पिछले साल छुट्टियों में बैतुल वापस आए. उद्यानिकी विभाग में चल रहे मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देखने के लिए वह वहां दोस्तों के साथ चले गए. बाद में उन्होंने मधुमक्खीपालन की एंडवास ट्रेनिंग भी ली.

बाद में मिला सही परिणाम

यहां पर डेढ़ महीने के बाद संघर्ष करके आकाश वर्मा ने पहली बार मधुमक्खी के डिब्बों से शहद को निकाला है. पहली ही बार में आकाश की मेहनत रंग लेकर आई है. हर डिब्बे से 5 से 6 किलो शहद उनको प्राप्त हो जाता है. यह आसानी से 300 से 350 रूपये में बिक गया है. उन्होंने हर दो महीने के भीतर ही डिब्बों से शहद को निकालने का कार्य किया है. सबसे पहले साल में उन्होंने 15 डिब्बों से 10 महीने में कुल 500 किलो शहद बेचकर लगभग 1 लाख 50 रूपए की आमदनी प्राप्त की है.

ढाई लाख का पैकेज था

आकाश ने बताय़ा कि इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की ढाई लाख रूपए की सालाना नौकरी थी. लेकिन उसमें उनको संतुष्टि नहीं मिल रही थी, मधुमक्खीपालन के काम में ज्यादा से ज्यादा संतुष्टि है. उनका मत है कि फिलहाल अभी कमाई कम है लेकिन आने वाले समय में शहद का उत्पादन बड़े पैमाने पर कमाई भी बढ़ा सकते है.

English Summary: Young people are earning millions with the help of beekeeping
Published on: 09 August 2019, 05:40 IST

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