उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2025 तक राज्य के सभी गांवों को 'मॉडल विलेज' बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसको लेकर काम शुरू भी कर दिया है. प्रदेश में गांवों का कायाकल्प पूरी तरह से बदलने के इरादे से यह कार्य शुरू हुआ है. बता दें कि ओडीएफ प्लस ग्राम योजना के तहत राज्य में सभी गांवों को स्वच्छ करने का काम चल रहा है. स्वच्छ भारत अभियान व राज्य स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सभी गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है.
पहले चरण का काम पूरा
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 57,704 ग्राम पंचायत हैं. जिसके अंतर्गत 95,826 राजस्व गांव आते हैं. इन सभी को मॉडल विलेज बनाने का निर्णय लिया गया है. सरकार की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, दो चरणों में इसको लेकर काम पूरा किया जा रहा है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. जिसमें गांव को स्वच्छ करने की दिशा में साल 2014 से 2018 तक काम चला था. तब, खुले में शौच की समस्या को देखते हुए हर गांव में शौचालय का निर्माण कराया गया. सरकारी आकड़ों के मुताबिक, यूपी में स्वच्छता अभियान के मद्देनजर कुल 2.16 करोड़ शौचलाय बनाए गए. साथ ही, राज्यवासियों को खुले में शौच न करने का भी संदेश दिया गया.
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अधिकारी चला रहे हैं अभियान
वहीं, दूसरे चरण का काम साल 2020 से शुरू हुआ है. इस चरण में साल 2025 तक सभी गांवों को ओडीएफ प्लस श्रेणी में लाने का लक्ष्य है. फिलहाल हर गांव में स्वच्छता को स्थायी रखने की दिशा में काम चल रहा है. अधिकारी इसके प्रबंधन से जुड़ीं नीतियां तय कर रहे हैं. वहीं, पंचायती राज विभाग ने इसको लेकर 'स्टेट सैनिटेशन मिशन' के अंतर्गत राज्यव्यापी अभियान भी शुरू कर दिया है. जिससे साफ-सफाई के कार्यों में तेजी आएगी.
इस साल इतने गांव ओडीएफ प्लस श्रेणी में होंगे शामिल
दूसरे चरण में शौचालयों के मेंटेनेंस, कचरा प्रबंधन और पात्र परिवारों तक इनकी पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर काम किया जा रहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि पिछले साल यूपी सरकार ने कुल 6,974 गांवों को ओडीएफ प्लस श्रेणी में शामिल किया था. अब इस साल करीब 47 हजार गांव को इस श्रेणी में शामिल कर लिया जाएगा. इसी बीच, सरकार का यह भी दावा है कि काम पूरा होने के बाद गांव में किसी प्रकार की गंदगी नजर नहीं आएगी. जिससे लोगों को काफी फायदा होगा.