राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. राज्य सरकार ने किसानों को खेती के काम को आसान और आधुनिक बनाने के लिए "सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM)" योजना के तहत कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक अनुदान देने की घोषणा की है. इस योजना से किसानों को बुआई, जुताई और बिजाई जैसे कठिन कार्यों में राहत मिलेगी, साथ ही खेती को अधिक लाभदायक बनाया जा सकेगा.
SMAM योजना राजस्थान के किसानों के लिए खेती को आसान और मुनाफे वाला बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यदि आप किसान हैं और आपके पास जरूरी दस्तावेज हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं. इससे न केवल आपकी खेती में सुधार होगा बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा.
किसे मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके नाम पर जमीन है और जिनके पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) है. इस बार से यह कार्ड योजना के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. किसान 30 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया राज किसान साथी पोर्टल या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से पूरी की जा सकती है.
पिछले साल की सफलता
बीते सीजन में अलवर जिले के 387 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया था और विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त किया था. इस बार राज्य सरकार की ओर से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
किन यंत्रों पर मिलेगा अनुदान?
राज्य सरकार ने कई आधुनिक कृषि यंत्रों को योजना में शामिल किया है, जिन पर किसानों को अनुदान मिलेगा:
- रोटावेटर
- थ्रेसर
- कल्टीवेटर
- बण्डफार्मर
- रीपर
- फर्टिलाइज़र ड्रिल
- हैरो
- प्लाऊ
इन सभी यंत्रों की खरीद केवल पंजीकृत फर्मों से ही करनी होगी, तभी किसान को अनुदान दिया जाएगा.
कितना मिलेगा अनुदान?
- सामान्य किसानों को 40 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा.
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमांत किसान तथा महिला किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ मिलेगा.
- यह लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड
- किसान के नाम भूमि की नवीनतम जमाबंदी
- ट्रैक्टर की आरसी (यदि आवश्यक)
- किसान के नाम पर ट्रैक्टर पंजीकृत होना चाहिए
- आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
- यंत्र खरीदने के लिए पंजीकृत फर्म का कोटेशन (जिसमें किसान की श्रेणी और ट्रैक्टर की BHP दर्ज हो)
अनुदान कैसे मिलेगा?
कृषि यंत्र की खरीद और सत्यापन के बाद अनुदान की राशि जनाधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. हर किसान को एक वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक ही कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जाएगा.