भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने वर्ष 2014-15 में एक राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) शुरू किया था. इस मिशन के माध्यम से उद्यमिता विकास और प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि के माध्यम से रोजगार पैदा हुए, जिससे मांस, बकरी का दूध, अंडा और ऊन का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है.
साथ ही, इसके उत्पादन में घरेलू मांग को पूरा करने के बाद निर्यात आय में भी वृद्धि हुई है. आपको बता दें कि यह योजना उद्यमियों को असंगठित क्षेत्र में उपलब्ध उत्पाद के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज बनाने और इनको संगठित क्षेत्र से जोड़ने के लिए विकसित करने के लिए शुरू की गई है.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन का उद्देश्य (National Livestock Mission Objectives)
राष्ट्रीय पशुधन मिशन का मुख्य उद्देश्य मुर्गी पालन (Poultry Farming), सुअर पालन क्षेत्र (Pig Farming) और चारा क्षेत्र (Fodder) में बेहतर विकास के माध्यम से रोजगार पैदा करना है. यह योजना प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है. इसके अलावा मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन और चारे के उत्पादन में भी वृद्धि की जाएगी.
यह योजना मांग को काफी कम करने के लिए चारे की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा, मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों के लिए पशुधन बीमा सहित जोखिम प्रबंधन के उपाय किए जा रहे हैं.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के लाभ और विशेषताएं (National Livestock Mission Important Points)
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भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय पशुधन मिशन शुरू किया था.
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इस मिशन के माध्यम से उद्यमिता विकास और प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि के माध्यम से रोजगार पैदा होगा.
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इस योजना से मांस, बकरी का दूध, अंडा और ऊन का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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उत्पादन में अधिकता से घरेलू मांग को पूरा करने के बाद निर्यात आय में वृद्धि होगी.
यह योजना असंगठित क्षेत्र में उपलब्ध उत्पाद के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज बनाने के लिए उद्यमियों को विकसित करने के लिए शुरू की गई है.
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इस योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र से जोड़ा जाएगा.
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नस्ल सुधार के माध्यम से प्रति व्यक्ति उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी.
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उत्पादन लागत को कम करने और पशुधन के उत्पादन में सुधार के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकियों के प्रसार को बढ़ावा दिया जाएगा.
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इसके अलावा मांग आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए चारा प्रसंस्करण इकाइयों के लिए स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन डिजाइन (National Livestock Mission Design)
पशुधन नस्ल विकास मिशन (Livestock Breed Development Mission)
इस मिशन के माध्यम से मुर्गी, भेड़, बकरी और सुअर पालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास और नस्ल सुधार पर तीव्र ध्यान दिया जा रहा है. इसके विकास लिए कई व्यक्तियों सहित एफपीओएस, एफसीओ, जेएलजीएस, एसएचजी, जैसी कंपनियों भी प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं.
चारा विकास मिशन (Fodder Development Mission)
इसका उद्देश्य चारा उत्पादन के लिए प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता में सुधार के लिए चारा बीज श्रृंखला को मजबूत करना और प्रोत्साहन प्रदान करके चारा इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के लाभार्थी (Beneficiaries of National Livestock Mission)
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सामान्य व्यक्ति
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किसान उत्पादक संगठन
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स्वयं सहायता समूह
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पूर्व सहकारी संस्था
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संयुक्त देयता समूह
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कंपनियां
राष्ट्रीय पशुधन मिशन में सब्सिडी (Subsidy in National Livestock Mission)
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से ग्रामीण पोल्ट्री फार्मों की स्थापना के लिए 50% सब्सिडी प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए सब्सिडी की सीमा 25 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक है.
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कुक्कुट परियोजना- 25 लाख रुपये
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भेड़ और बकरी- 50 लाख रुपये
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सुअर- 30 लाख रुपये
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चारा- 50 लाख रुपये
इस योजना के तहत, लागत की शेष राशि की व्यवस्था आवेदक द्वारा बैंक लोन या वित्तीय संस्थानों से ऋण के माध्यम से की जाती है. आवेदकों को लाइवस्टॉक मिशन के तहत सब्सिडी राशि समान किस्तों में जारी की जाती है. पहली किस्त परियोजना की शुरुआत में दी जाती है और दूसरी किस्त परियोजना के पूरा होने के बाद जारी की जाती है.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन में ऑनलाइन आवेदन (Online Application in National Livestock Mission)
यदि आप भी इस योजना के लाभार्थी बनना चाहते हैं तो इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर nlm.udyamimitra.in जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.