ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का व्यवसाय बढ़ता जा रहा है. सरकार भी किसानों को डेयरी व्यवसाय के लिए बढ़ावा दे रही है, जिसका फायदा उठाकर ग्रामीण किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके लिए सरकार नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत पशुपालकों की आर्थिक मदद भी कर रही है. सरकार बैंकों और नाबार्ड के माध्यम से किसानों को डेयरी फार्मिंग की शुरुआत करने के लिए लोन भी मुहैया करा रही है.
कौन कर सकता है आवेदन
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग के द्वारा नाबार्ड के अंतर्गत "डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना" नामक एक पायलट योजना शुरू की गई थी. इसे बाद में 'डेयरी उद्यमिता विकास योजना' का नाम दे दिया गया. नाबार्ड की इस योजना में किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस योजना के तहत परिवार के एक से अधिक सदस्यों को लोन मुहैया हो सकता है, बशर्ते वे अलग स्थानों पर अलग-अलग इकाइयों पर कार्य कर रहे हों. नाबार्ड द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत हिस्सा ( एसटी / एससी किसानों के लिए सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा.
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