Mushroom ki kheti: ठंड के मौसम में मशरूम की खेती-किसानों के लिए आय का एक बेहतरीन स्रोत बन गई है. जाड़े के दिनों में मशरूम किसानों को इसकी खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त हो रहा है. खास बात यह है कि मशरूम महज 24 घंटे में खाने लायक तैयार हो जाता है. पटना सहित अन्य इलाकों के किसान इस समय मशरूम उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं. सरकार की मदद और किसानों की मेहनत से यह व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है. मशरूम उत्पादन न केवल किसानों की आय बढ़ा रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सेहतमंद विकल्प बनकर उभरा है.
मशरूम हट का निर्माण और उत्पादन
बिहार कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने राज्य में मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए दो विशेष योजनाएं शुरू की हैं, जिसकी मदद से किसानों को दोगुना लाभ प्राप्त होगा. विभाग के द्वारा शुरू की गई इन योजनाओं के तहत पटना जिले में लगभग 25 मशरूम हट को तैयार किया गया है. प्रत्येक हट में औसतन एक हजार किट लगाए गए हैं. वही, इन सभी मशरूम हटों से किसानों को करीब 1500 किलोग्राम मशरूम का औसत उत्पादन प्राप्त हो रहा है.
सीधे बाजार तक पहुंच रहा है मशरूम
किसान अपने मशरूम को सीधे बाजार तक पहुंचा रहे हैं. पटना के बाजारों में मशरूम की अच्छी मांग देखी जा रही है. वर्तमान में किसान इसे 160 से 180 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहे हैं. इससे किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
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सरकारी सहायता से बढ़ी किसानों की रुचि
कृषि विभाग के अनुसार, मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 50% अनुदान पर मशरूम हट बनाने की योजना चलाई जा रही है. इस योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है, जिससे वे आधुनिक तरीके से मशरूम की खेती कर रहे हैं. पटना उद्यान निदेशालय के सहायक निदेशक अमरजीत कुमार राय ने कहा कि ठंड के मौजूदा मौसम में मशरूम का उत्पादन अच्छा हो रहा है. किसानों को इस योजना से लाभ मिल रहा है और उनकी आय में वृद्धि हो रही है.