Benefits of Natural Farming: देशभर में किसानों की आय बढ़ाने और खेती की लागत को कम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 'राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन' (आरपीकेएम) की शुरुआत की है. यह मिशन प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता में सुधार और फसल उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि करना है. ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम सरकार की इस बेहतरीन मिशन से जुड़ी सभी जानकारी यहां विस्तार से जानते हैं.
क्या है प्राकृतिक खेती/ What is natural farming?
प्राकृतिक खेती/natural farming एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता. इसके स्थान पर जैविक विधियों, जैसे गोबर, गोमूत्र और कृषि अपशिष्टों का उपयोग किया जाता है. यह पद्धति न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि इससे मिट्टी का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है.
'राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन' का उद्देश्य
- प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना: रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से बचते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना.
- फसल उत्पादन में गुणवत्ता सुधार: प्राकृतिक खेती के माध्यम से पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगाना.
- खेती की लागत में कमी: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता घटाकर खेती को सस्ता बनाना.
- कृषि पशुपालन मॉडल को लोकप्रिय बनाना: खेती और पशुपालन को साथ मिलाकर किसानों को अधिक आय के अवसर प्रदान करना.
- किसानों की आय में वृद्धि: कम लागत और अधिक उपज से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना.
सरकार की सहायता
इस मिशन के तहत किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के महत्व और लाभों की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्र और स्थानीय कृषि विभाग किसानों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे.
किसानों के लिए लाभकारी पहल
यह मिशन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि किसानों को रासायनिक खेती के विकल्प प्रदान कर उनकी आय बढ़ाने में भी सहायक होगा. इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी, जल स्रोत सुरक्षित रहेंगे और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक फसलें प्राप्त होंगी.
नोट: मिशन से जुड़ी अधिक जानकारी और लाभ प्राप्त करने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.