किसानों को डीजल पंप से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार कुसुम योजना लेकर आई है जोकि आने वाले समय में किसानों के लिए वरदान साबित होगी. इससे जहां एक तरफ सिंचाई लागत शून्य होगी. वहीं डीजल पम्पों से निकलने वाले कार्बन से मुक्ति मिलेगी जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में काफी हद तक सहायक सिद्ध होगा. इसी क्रम में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कुसुम को मिलाकर प्रदेश में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना लांच कर दी है. इस योजना में 30 फीसदी राशि केंद्र की, 50 फीसदी राज्य सरकार की और बाकी 20 फीसदी किसानों का योगदान रहेगा. सरकार पंप की कीमत के साथ ही उसके 5 साल की रखरखाव के लिए पैसा देगी, जिसमें किसानों को न्यूनतम योगदान जमा करना होगा.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत अगले 5 वर्षों में प्रदेश में 2 लाख सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा है. सरकार किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार 1 हार्स पॉवर से लेकर साढ़े 7 हार्स पॉवर तक के सोलर पंप प्रदान करेगी. सोलर पंप के लिए ऊर्जा विकास निगम द्वारा टेंडर जारी किए जाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि किसान सोलर पंप से सिंचाई के साथ ही दूसरे कामों में भी बिजली का उपयोग कर सकेंगे.
किसानों को कितना फीसदी अनुदान मिलेगा
किसानों को 113503 रुपए के 2 हॉर्स पावर सोलर पंप पर 75 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा. अनुदान के पश्चात इसकी लागत 28376 रुपए हो जाएगी तथा 155528 रुपये के 3 हॉर्स पावर पम्प की खरीद पर भी किसानों को 75 फीसदी का अनुदान मिलेगा, जिसके पश्चात इसकी लागत 38882 रुपए हो जाएगी. इसी तरह 217550 रुपए के 5 एचपी सोलर पंप की खरीद पर किसानों को 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा इसमें किसानों को 5 एचपी की खरीद पर 87020 रुपये अंशदान के रूप में देना होगा.
किसानों को देना होगा इतना योगदान
1 हार्सपॉवर- 19 हजार
2 हार्सवॉवर सरफेस- 28 हजार
2 हार्सपॉवर सबर्मिबल- 25 हजार
3 हार्स पॉवर- 38 हजार
5 हार्स पॉवर- 87 हजार
7.5 हार्स पॉवर- 1 लाख 53 हजार
क्रियान्वयन के लिए बनाई जिला स्तर पर समिति
प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री किसान सोलर पंप योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर समिति बनाने का निर्णय लिया है. सात सदस्यीय इस समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर होंगे. वहीं समिति में सीईओ जिला पंचायत, उपसंचालक कृषि के साथ ही सहकारिता, उद्यानिकी, विद्युत वितरण कंपनी और ऊर्जा विकास निगम के अधिकारी भी शामिल किए जाएंगे. ये समिति हर जिले में पात्र किसानों का निर्धारण कर उन्हें सिंचाई के लिए सोलर पंप बांटेगी.
किसानों को करना होगा ऑनलाइन आवेदन
सोलर पंप के लिए किसानों को ऑन लाइन आवेदन करना होगा. जिसमें उसे अपनी जमीन की जानकारी के साथ ही सिंचाई के साधन के बारे में भी बताना होगा. किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप लेने पर सिंचाई के लिए मिलने वाली बिजली का अनुदान नहीं मिल पाएगा. यदि किसान अनुदान ले चुका है तो उसे वापिस लौटाना होगा या अपना बिजली का कनेक्शन कटवाना होगा. सोलर पंप का लाभ लेने वाले किसानों के आधार नंबर और जमीन की जानकारी नवकरीणय ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनी आपस में साझा करेंगे ताकि कोई किसान दोनों योजनाओं का लाभ न ले सके.