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Updated on: 18 January, 2020 12:00 AM IST

नव वर्ष में किसानों के लिए सरकार किसानों को नया तोहफा देने जा रही है. यूरिया कीमतों को नियंत्रण से बाहर करते हुए सरकार उन्हें डी-कंट्रोल (De-control) करने का विचार कर रही है. इस योजना पर विचार विमर्श कर लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो सरकारी नियंत्रण समाप्त करते हुए फर्टिलाइजर सब्सिडी सिस्टम (Fertiliser Subsidy System) लागू करने की योजना सरकार ने बना ली है.

242 रूपये औसत है यूरिया

वर्तमान में यूरिया की कीमत 242 रूपये के औसत है. जो सरकारी नियंत्रण हटने के बाद 400 से 450 रुपये प्रति बैग होने की संभावना है. अभी तक सब्सिडी की रकम फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चर्स को प्रदान किया जाता था. पिछले वर्ष सरकार ने किसानों को फर्टिलाइजर सब्सिडी देते हुए 74 हजार करोड़ रुपये जारी किए थे.

अब ऐसे मिलेगा यूरिया सब्सिडी का पैसा

एलपीजी सब्सिडी की तरह ही फर्टिलाइजर सेक्टर में सरकार सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों को खाते में देगी.

क्यों लिया गया ये फैसला

कई जगहों से ये खबर लगातार आती रही कि फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग सरकार से यूरिया की सब्सिडी ले तो रहे हैं, लेकिन किसानों को उसका फायदा नहीं दे रहे हैं. वहीं कई मामलों में भारी गड़बड़ी और घोटालों की खबरे भी आई. इन बातों पर संज्ञान लेते हुए किसानों को सब्सिडी का पैसा सीधे उनके खाते में भेजने का फैसला लिया गया. योजना के मुताबिक फर्टिलाइजर मंत्रालय डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) के लिए पीएम किसान योजना के डिटेल्स का उपयोग करने का विचार कर रही है. पीएम किसान लाभार्थियों को यूरिया की सब्सिडी एडवांस में दी जायेगी.

यूरिया का अधिक उपयोग हानिकारक

हालांकि यूरिया के अधिक उपयोग को रोकने के लिए सरकार कृषि विभाग की सहायता से जन जागृति अभियान चलाने की योजना बना रही है. इसके तहत गांव, ब्लॉक व तहसील स्तर पर लोगों को कैंप लगा कर जागृत किया जायेगा.

English Summary: government will directly give urea subsidy to farmers
Published on: 18 January 2020, 03:57 IST

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