भारत के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने कहर बरपा रखा है, तो कई हिस्सों में कम बारिश हुई है. जिसकी वजह से फसलों की बुवाई पर काफी बुरा असर पड़ा है. महाराष्ट्र से लेकर उत्तराखंड तक के कई गांव में इस तरह का नजारा देखने को मिला है. वहीं बात करें राजस्थान की, तो राजस्थान के कुछ जिले में लाखों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है. जहाँ कुछ इलाकों में कम बारिश के कारण अधिसूचित फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है. इस कड़ी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी किसानों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. क्या खबर है यह जानने के लिए पढ़िए इस पूरे लेख को .
दरअसल, राजस्थान जिले में हुई अनियमित बारिश की वजह से फसल की बुवाई पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इस कड़ी में किसानों को उनकी बर्बाद फसल का नुकसान भरने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्यांश प्रीमियम के 61 करोड़ 45 लाख रुपए जारी कर दिए हैं.
कृषि मंत्री लालचंद्र कटारिया का क्या है कहना – (Agriculture Minister Lalchandra Kataria Has To Say)
बारिश की वजह से फसल की बुवाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है. इसके लिए कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बीमा कंपनियों को किसानों को अतिशीघ्र बीमा क्लेम देने के निर्देश दिए हैं साथ ही कहा है बारां एवं झालावाड़ जिले में ज्यादा बरसात से किसानों के फसल खराब होने के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे के पश्चात तत्काल ही राज्यांश प्रीमियम जमा करा दिया जाएगा.
इन जिलों में फसल हुई प्रभावित (In which States The Crop Was Affected)
बता दें राजस्थान के कुछ जिले जैस कोटा, बूंदी, धौलपुर एवं करौली के विभिन्न हिस्सों में अधिक बारिश की वजह से फसलों की बुवाई पर बुरा असर पड़ा है इसके साथ श्रीनगर के कुछ इलाकों में कम बारिश की वजह से फसलों की बुवाई भी काफी प्रभावित हुई है. बता दें गंगानगर जिले के 29, करौली के 12, बूंदी के 223, धौलपुर के 19 एवं कोटा जिले के 204 पटवार सर्किल में 75 फीसदी से अधिक क्षेत्र में बुवाई प्रभावित होने के मामले सामने आए हैं.
जारी किया गया बीमा (How Much Insurance Was Issued For which State)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करौली एवं धौलपुर जिले के लिए 1 करोड़ 24 लाख, बूंदी के लिए 31 करोड़ 20 लाख, कोटा के लिए 7 करोड़ 71 लाख एवं श्रीगंगानगर जिले के लिए 21 करोड़ 28 लाख रुपए का प्रीमियम सब्सिडी संबंधित राज्यों की बीमा कंपनियों को दिया गया है.
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