Cattle insurance scheme: बिहार के पशुपालकों के लिए एक राहत की खबर आई है. अब उन्हें अपने दुधारू मवेशियों के बीमा कराने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय द्वारा दुधारू मवेशियों के लिए एक विशेष बीमा योजना शुरू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को गंभीर बीमारियों और अन्य कारणों से मवेशियों की मौत होने पर होने वाली आर्थिक क्षति से सुरक्षा प्रदान करना है.
बीमा योजना की मुख्य बातें
इस योजना के तहत, पशुपालकों को बीमा की राशि का केवल 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा, जबकि शेष 75 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. इसका मतलब है कि सरकार पशुपालकों के लिए आर्थिक बोझ कम करेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े. यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
खबरों के अनुसार, दुधारू मवेशियों का अधिकतम मूल्य 60,000 रुपये निर्धारित किया गया है. इस पर 3.5 प्रतिशत की दर से कुल बीमा राशि 2100 रुपये होगी. इसमें से 1575 रुपये राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिए जाएंगे, जबकि शेष 525 रुपये पशुपालकों को बीमा कंपनी को देने होंगे.
क्या है योजना का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को गंभीर बीमारियों जैसे लंपी त्वचा रोग, एचएसबीक्यू, और अन्य कारणों से मवेशियों की मृत्यु के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाना है. इस बीमा कवर के तहत, पशुपालकों को उनके दुधारू मवेशियों के इलाज और मृत्यु के मामलों में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में अपने मवेशियों की देखभाल में सक्षम हो सकेंगे.
इसके अतिरिक्त, योजना में दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. यही नहीं, बीमा के लिए मवेशियों का स्वस्थ होना आवश्यक है, और एक पशु चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
पशुपालकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए गव्य विकास निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे आवेदकों को सुविधा होगी और वे घर बैठे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
ईयर टैग सुरक्षा और लाभार्थियों की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस योजना का कार्यान्वयन जिला गव्य विकास पदाधिकारी के माध्यम से किया जाएगा. बीमा कंपनी द्वारा दुधारू मवेशियों का बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा और इन मवेशियों में डाटा ईयर टैग लगाया जाएगा, जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लाभुक की होगी.