Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 April, 2023 12:00 AM IST
मछली पालन

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले आसिफ ने मछली की खेती शुरु की और उन्होंने आज पूरे जिले के लोगों के लिए एक मिसाल खड़ी कर दी है. आसिफ रियल एस्टेट सेक्टर में काम करते थे और उनका परिवार गांव में खेती करता था. पिछले कई सालों से परिवार को खेती में भारी नुकसान हो रहा थाजिस कारण खेती में हुए नुकसान को बचाने के लिए उन्होंने नए विकल्पों की तलाश शुरु की.

इस दौरान आसिफ अपने एक करीबी दोस्त परवेश के संपर्क में आयाजो आरएएस तकनीक का उपयोग करके मछली पालन कर अच्छी कमाई करता है. उससे प्रभावित होकर आसिफ ने भी मछली का व्यवसाय शुरु करने का सोचा. आसिफ के लिए मछली पालन का बिजनेस पूरी तरह से ही नया था. उसे कोई जानकारी भी नहीं थी. उसने मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया और नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज से 'कृषि उद्यमिता में स्टार्ट-अप और इनोवेशनमें सर्टिफिकेशन कोर्स प्राप्त किया.

ये भी पढ़ेे: फूलों की खेती ने दिलाई पहचान, मुस्लिम चौहान बने सफल किसान

इस ट्रेनिंग के बाद उन्होंने प्रति एकड़ के खेत में 1.50 लाख रुपये के स्टॉकिंग डेंसिटी के साथ 15 तालाबों का निर्माण कराया और 6 से 8 महीनों में इन तालाबों से 62 टन मछली का कर डाला. मछली पालन की सफलता को देखते हुए उन्होंने अपनी अन्य कृषि भूमि को तालाबों में बदलने का फैसला लिया.

आसिफ ने पश्चिम बंगाल से 3 रुपये प्रति बीज की दर से मछली के बीज खरीदे और इन्हें 20-25 दिनों के लिए नर्सरी में रखा और फिर 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में बेच दिया. उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया और मत्स्य विभाग से 30 किलोवाट सोलर प्लांटएरेटर और तालाबों में सोलर पंप लगाने के लिए सरकार से 6 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ भी उठाया. आज आसिफ सिद्दीकी मछली पालन कर साल भर में 210 टन मछली के उत्पादन के साथ 8.40 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं और गांव के लोगों को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं.

English Summary: Asif started fish farming after leaving the real estate job
Published on: 17 April 2023, 04:18 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now