भारत में कृषि मशीनों का तेजी आगमन हो रहा है. निसंदेह ये मशीनें कृषि उत्पादन को कई गुणा बढ़ाने और श्रण को करने में सहायक है. इससे पैसों की भी बचत होती है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या है कि अधिकतर मशीनों के दाम इतने अधिक हैं कि आम किसान उसे नहीं खरीद सकता. छोटे किसानों को इस तरह की मशीनें खरीदने में परेशानी होती है. इसलिए या तो वो कर्ज लेता है या पुराने संसाधनों तक ही सीमित रहता है. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार सीएचसी स्कीम लेकर आई है. इस स्कीम का पूरा नाम कस्टम हायरिंग सेंटर है.
60 लाख का प्रोजेक्ट हो सकता है पास
सीएचसी फार्म मशीनरी स्कीम लाभदायक है. इसकी सहायता से आप 60 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकते हैं. इसे एक एक तरह का बिजनेस मॉडल माना जा सकता है. इसके अंतर्गत सरकार आपको 24 लाख रुपये तक की सहायता सरकार दे सकती है. कॉपरेटिव ग्रुप बनाकर इस योजना का लाभ लिया जा सकता है.
इतने लोगों का होना अनिवार्य
इस योजना का लाभ 6 से 8 किसान ग्रुप बनाकर ले सकते हैं. इसके तहत अधिकतम 10 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास हो सकता है. उदाहरण के लिए अगर आपको 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है तो आपको मात्र 20 परसेंट ही लगाना है.
ऐसे मांग सकते हैं मशीन
इस स्कीम का लाभ आप एक एप के माध्यम से पा सकते हैं. किसान भाई उस एप के जरिए ऑर्डर देकर ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण बहुत सस्ते दामों में ले सकते हैं. इस स्कीम के बारे में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि सीएचसी फार्म मशीनरी स्कीम से खेती को आसान बनाया जा सकता है. इसके अलावा प्रोडक्शन को भी बढ़ाया जा सकता है.