देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 26 September, 2020 4:58 PM IST

भारत में छोटे किसानों की संख्या अधिक है, जिनके पास बेहद कम ज़मीन है. ऐसे किसानों के लिए लोबिया की खेती फायदेमंद हो सकती है. लोबिया का उपयोग सब्जी के रूप में होता है, इस वजह से किसानों को इससे अच्छा मुनाफा हो सकता है. लोबिया की खेती देश के कई राज्यों में होती है. जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक प्रमुख है. इन राज्यों में लोबिया की खेती दलहन, हरी सब्ज़ी और हरे चारे के रूप में की जाती है. लोबिया की खेती मार्च, जुलाई के अलावा नवंबर माह में की जाती है. तो आइये जानते हैं कैसे करें लोबिया की खेती-

कैसे करें बुवाई

लोबिया की दो किस्में मशहूर है, एक लंबी बेल वाली और दूसरी छोटी बेल वाली. लंबी बेल की लोबिया के लिए मचान की जरुरत पड़ती है. ताकि बेल फलियों के वजन से नीचे नहीं गिरे. बता दें कि लंबी बेल वाली लोबिया बौनी बेल वाली लोबिया की तुलना में अधिक उत्पादन देती है. इसलिए अधिकतर किसान लंबी बेल वाली लोबिया ही लगाते हैं. लोबिया की बौनी प्रजाति को लगाने के लिए लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर तक होना चाहिए है. जबकि लंबी बेल की प्रजाति को लगाते समय लाइन से लाइन की दूरी 70 से 80 सेंटीमीटर होना चाहिए. हालाँकि पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर होना चाहिए. बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लें. 

कितना मुनाफा होगा

लोबिया की खेती करने वाले किसानों के मुताबिक, एक एकड़ में 8 से 10 हजार रुपये का खर्च आता है. जिससे करीब 40 से 50 क्विंटल फली निकलती है. किसानों को लोबिया का 10 रुपये से 30 रूपये प्रति किलो का भाव मिलता है. इस तरह एक एकड़ से 60 से 70 हजार का मुनाफा हो जाता है. लोबिया का पौधा 60 दिन में फली देने लग जाता है. जो दो माह तक फलियां देता है. लोबिया की फली की तुड़ाई सप्ताह में दो बार करना पड़ती है.

रोग से कैसे निजात पाएं

कृषि विशेषज्ञ तारेश्वर त्रिपाठी का कहना है कि लोबिया में सुंडी कीट लग जाता है. जो फली को अंदर से नष्ट कर देता है. यह सुंडी दिखने में चितकबरी होती है. इसके लगने से लोबिया की पत्तियां आपस में झुंड बना लेती है. जिससे फलियां कम लगती है. सुंडी कीट से निजात पाने के लिए अनुशंषित कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.  बता दें कि किसानों को लोबिया की फसल में मक्का या बाजरा बो देना चाहिए. इससे चिड़िया इन पौधों पर आकर बैठे और कीटों को खा जाए. 

English Summary: very useful for small farmers cow peas lobia cultivation
Published on: 26 September 2020, 05:52 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now