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Updated on: 20 February, 2021 5:03 PM IST
Auron harmone

पादप वृद्धि नियंत्रक पोषक तत्व के अलावा ऐसा कार्बनिक पदार्थ है जिसकी सूक्ष्म मात्रा ही  पौधे की आंतरीक क्रियाओं को नियंत्रित करती है. ऐसे पदार्थ पादप हार्मोन या पादप नियंत्रक या वृद्धि नियंत्रक कहलाते हैं. इन पादप वृद्धि नियंत्रक का निर्माण पौधे की कई हिस्सों में होता है तथा वे गति कर पौधे के एक भाग से दूसरे भाग में क्रियाशीलता बनाते हैं. पौधों के अलावा इनका निर्माण कृत्रिम रूप से भी किया जा सकता है. इन्हें 5 भागों में बांटा गया है-

ऑक्सिन (Auxin)

ऑक्सिन हार्मोन पौधे में पर्याप्त रूप से पाया जाता है, जो पौधे के ऊपरी पत्तियों और नई कलिकाओं में बनता है. इसका प्रयोग पौधों में कोशिका विभाजन, जड़ों का निर्माण, फल व फूलों को गिरने से रोकना, फलों को बीजरहित बनाना आदि में किया जाता है. इंडोल एसिटिक एसिड (IAA), नेफ्थेलीन एसिटिक एसिड (NAA), इंडोल ब्यूटेरिक एसिड (IBA), 2-4D आदि इसके उदाहरण है. IBA का प्रयोग अनार, अंगूर जैसी कलमों को 100-500 ppm से उपचारित करने पर जल्दी जड़ें निकलती है. नींबू प्रजाति की गुटी में NAA और IAA का प्रयोग 100 पीपीएम से किया जाता है. आम में NAA के 10 पीपीएम के प्रयोग से अधिक फल लगते है.

जिबरेलिन्स (Gibberellins)

यह पौधों में मौजूद रासायनिक पदार्थ है जिसका काम कोशिका विभाजन के साथ-साथ पौधों के आकर में को वृद्धि करना है. यह हार्मोन फलों का आकार बढ़ाने, फलों को बीजरहित बनाने और बीज व कालिका की सुसुप्तावस्था (Dormency period) को हटाने में सहायक है. कृत्रिम रूप से जिब्रेलिक एसिड के रूप में यह बाजार में से पाया जाता है. आम, नींबू, नारंगी में 2,4D, NAA तथा जिबरेलिक एसिड का 15-20 पीपीएम पर प्रयोग करने से फल फूल के झड़ने से रोका जा सकता है. अंगूर और निम्बू के फल आकार बढ़ाने के लिए जिबरेलिक एसिड के 25-50 पीपीएम का प्रयोग करें.

साइटोकाइनिंन्स (Cytokinins)

यह रसायन कोशिका विभाजन में सहायक है. बीज और कालिका की सुसुप्ता हटाने, जड़ों, शाखा और रेशे निर्माण में सहायक है. काइनेटिन, जिएटिन आदि इसके कृत्रिम रसायन है.

इनहिबिटर्स (Inhibitors)

यह पौधों में वृद्धि रोकने का कार्य करता है. इनहिबिटर्स पौधों की कलिकाओं को और बीज के अंकुरण को रोकने में मदद करता है. यह हार्मोन पौधों के बौनापन के लिए जिम्मेदार है. मैलिक हाइड्रोजाइड ऐसा ही रसायन है जो भंडारण में रखे प्याज को अंकुरण होने से रोकता है.

इथाईलीन (Ethylene)

यह रसायन फल को पकाने के लिए काम में लिया जाता है. यह रसायन गैस के रूप में पाया जाता है और इसकी बहुत कम मात्रा ही प्रभावी होती है. यह बेर, खजूर, चीकू, केला, सिट्रस आदि फलों को पकाने में उपयोगी है. कृत्रिम रूप से इथेरॉल और इथेफोन नाम से रसायन होता है. आम, केला, चीकू, खजूर के फलों को पकाने के लिए इथरेल 500-1000 पीपीएम काम में लिया जाता है.

English Summary: Use Plant Growth Regulators in fruit plants
Published on: 20 February 2021, 05:10 PM IST

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