Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 15 September, 2020 4:05 PM IST
Potato Farming

किसान रबी की फसलों (Rabi Crops) की बुवाई की तैयारी सितम्बर-अक्टूबर माह में शुरू कर देते हैं. यह समय आलू की बुवाई के लिए काफी अच्छा माना जाता है. हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग समय में आलू की खेती की जाती है. 

इसलिए किसानों को आलू की खेती करते समय अपने क्षेत्र के मुताबिक आलू की विकसित किस्मों (Developed varieties of potato) की बुवाई करनी चाहिए.

आज हम आपको अपने इस लेख में आलू की टॉप 5 रोग अवरोधी क्षेत्र के हिसाब से विकसित किस्मों के बारे में बताएंगे. जो आपको अच्छे उत्पादन के साथ - साथ अच्छी आमदनी भी प्रदान करेंगी, तो आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से...

कुफरी गरिमा (Kufri Garima)

आलू की ये किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में विकसित की गई है. इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 300 से 350 कुंतल तक का उत्पादन प्राप्त होता है. इसे लंबे समय तक आसानी से स्टोर किया जा सकता है.

कुफरी देवा (Kufri Deva)

आलू की ये किस्म उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खेती के लिए विकसित की गई है. यह थोड़ा देरी से तैयार होती है. इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200-250 कुंतल तक का उत्पादन प्राप्त होता है. इसे लंबे समय तक आसानी से स्टोर किया जा सकता है और इसपर पाला का भी प्रभाव नहीं पड़ता है.

कुफरी बादशाह (Kufri Badshah)

आलू की ये किस्म उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित की गई है. इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 300 से 350 कुंतल तक का उत्पादन प्राप्त होता है. यह एक अगेती और पछेती झुलसा रोग प्रतिरोधी किस्म है.

कुफरी कंचन (Kufri Kanchan)

आलू की ये किस्म उत्तर-बंगाल की पहाड़ियों और सिक्किम के लिए विकसित की गई है. इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 250 से 300 कुंतल तक उत्पादन प्राप्त होता है.

कुफरी गिरधारी (Kufri Girdhari)

आलू की ये किस्म भारत के पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विकसित की गई है. इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 300 से 350 कुंतल तक का उत्पादन प्राप्त होता है. यह एक पछेती झुलसा प्रतिरोधी किस्म है.

English Summary: Top Potato Varieties: Sow these 5 varieties of potatoes, you will get better yield
Published on: 15 September 2020, 04:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now