Paddy Varieties:किसानों के लिए खरीफ सीजन/Kharif Season में धान एक प्रमुख फसल होती है. मौजूदा वक्त में देश के कई राज्यों में मानसून/Monsoon की बारिश हो रही है, जिसके चलते अब किसान साथियों ने अपने खेत में रोपाई का कार्य शुरू कर दिया है. अब अगर धान की उन्नत किस्मों/Top Varieties of Paddy की बात करें, तो हमारे देश में करीब 4000 हजार से भी अधिक धान की किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें से हम धान की 10 उन्नत किस्मों/Varieties of Paddy की जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी आप अपने क्षेत्र के हिसाब से धान की बुवाई कर सकते हैं. ऐसे में आइए आज हम अपने इस लेख में धान की 10 उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो कम समय में अधिक पैदावार देने में सक्षम है.
ध्यान रहे कि इस लेख में धान की जिन उन्नत किस्मों की जानकारी दी जा रही है. इन किस्में की खेती यूपी, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के किसान कर अधिक पैदावार पा सकते हैं.
धान की टॉप 10 उन्नत किस्में/Top 10 Varieties of Paddy
जया धान/Jaya Paddy Variety
जया धान के पौधे की ऊंचाई 82 सेंटीमीटर तक होती है. इसकी खेती देश के सभी राज्यों में होती है. इस किस्म के दाने लंबे तथा सफेद होते हैं. यह किस्म मात्र 130 दिन में पककर तैयार होती है, जो कि BLB, SB, RTB तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 50 से 60 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त होती है.
Paddy Variety: धान की अनामिका किस्म 140-150 दिन में होगी तैयार, दाना मिलेगा लंबा और मोटा
पूसा सुगंध 3 (PUSA Sugandh 3)
धान की यह किस्म मुख्य रूप से यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बोई जाती है. इसके दाने पतले और सुंगधित होते हैं. यह किस्म 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है, जो कि प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल तक पैदावार देती है.
डीआरआर 310 (DRR 310)
धान की यह किस्म अच्छी पैदावार देती है, जिसकी खेती मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल व पश्चिम बंगाल में होती है. इसके दाने सफेद और मध्यम लंबे होते हैं, तो वहीं इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है. यह किस्म 125 से 130 दिन में पककर तैयार होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 52 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है.
बासमती-370 (Basmati-370)
मुख्य तौर पर हरियाणा के किसान साथी बासमती-370 किस्म की बुवाई हैं. इसके पौधे लंबे तथा दाने सफेद होते हैं. इसके पौधे की ऊंचाई 140 से 150 सेंटीमीटर होती है, जो मात्र 150 दिनों में तैयार हो जाते हैं. इससे प्रति हेक्टेयर 22 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त होती है.
हाइब्रिड -620 (Hybrid -620)
यह धान की अच्छी पैदावार देने वाली एक उन्नत किस्म मानी जाती है, जिसके इसके दाने चमकदार व लंबे होते हैं. यह किस्म ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी है, जो कि सिर्फ 125 से 130 दिन में तैयार हो जाती है. इससे किसान साथियों को प्रति हेक्टेयर 62 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त हो जाती है.
सीएसआर-10 (CSR- 10)
इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 80 से 85 सेंटीमीटर होती है, जिसकी बुवाई आमतौर पर यूपी, पंजाब, हरियाणा, गोवा, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में होती है. इसके पौधे बोने होते हैं, लेकिन दाने छोटे सफेद रंग के होते हैं. धान की यह 115 से 120 दिन में तैयार हो जाती है, जिससे औसतन प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल पैदावार मिलती है.
मकराम (Makram)
धान की मकराम किस्म को अर्ध बौनी होती है, जिसके दाने मध्यम लंबे होते हैं और पौधे की ऊंचाई 111 सेंटीमीटर तक होती है. यह किस्म 160 से 175 दिन में पककर तैयार होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 52 क्विंटल तक पैदावार मिलती है. इसकी खासियत है कि इसमें रोग व रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप नहीं होता है.
एनडीआर- 359 (NDR - 359)
यह किस्म यूपी, बिहार और ओडिशा में ज्यादा बोई जाती है, जिसके दाने छोटे होते हैं और पौधे अर्ध बोने होते हैं, जिनकी ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है. धान की यह किस्म 115 से 225 दिन में तैयार हो जाती है, जो कि औसतन प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल तक पैदावार दे देती है. खास बात यह है कि यह किस्म LB , BS तथा BLB रोग प्रतिरोधी होती है.
आईआर 64 (IR 64)
धान की इस किस्म का पौधा छोटा होता है, लेकिन अगर किसान साथी आईआर 64 किस्म की रोपाई करते हैं, तो उन्हें धान के दाने लंबे प्राप्त होंगे. यह किस्म मात्र 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल पैदावार प्राप्त होती है. इस किस्म की बुवाई मुख्य तौर पर यूपी, हरियाणा, गोवा, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में होती है.
पीएचबी -71 (PHB -71)
धान की पीएचबी -71 किस्म यूपी, हरियाणा, कर्नाटक व तमिलनाडु में मुख्य तौर पर बोई जाती है. इसके दाने लंबे, चमकदार और सफेद होते हैं, तो वहीं पौधे की ऊंचाई 115 से 120 सेंटीमीटर होती है. धान की यह 130 से 135 दिन में पककर तैयार होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 87 क्विंटल पैदावार प्राप्त हो जाती है. इसकी खासियत है कि यह BPH, GM और ब्लास्ट रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है.
नोट: सिंचित क्षेत्रों के किसान साथी धान की 10 प्रमुख किस्मों/Top 10 Varieties of Paddy द्वारा अधिक पैदावार हासिल कर सकते हैं. इन किस्मों की खासियत यह है कि फसल में रोग व कीट लगने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.