सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 25 January, 2021 3:28 PM IST

फरवरी मार्च में होने वाली कद्दूवर्गीय सब्जियों में खीरे के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक खेती ककड़ी की होती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा है. लेकिन इन फसलों पर कीटों का प्रकोप सबसे अधिक होता है, जिसके कारण किसानों की अच्छी मेहनत भी खराब हो जाती है.

चलिए आपको आज कुछ ऐसे तरीको के बारे में बताते है, जिसके सहारे आप इन कीटों को आराम से नष्ट कर सकते हैं. ककड़ी पर कई तरह के कीटों का आक्रमण होता है.

चेपा थ्रिप्सः

इन कीटों को आक्रमण सीधे पत्तो पर होता है, ये पत्तों को चूसकर उसे सूखा देते हैं, जिससे पत्ते पीले पड़ने लग जाते हैं और फसल खराब हो जाती है. देखते ही देखते ये पूरी फसल को अपनी चपेट में ले लेते हैं, इन्हें रोकने के लिए थायामैथोकस्म (5 ग्राम) को 15 लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें.

फल मक्खी:

इस मक्खी का आक्रमण सीधा ककड़ी के फलों पर होता है, यह फलों की बाहरी परत के नीचे अंडे देकर वहां अपना घर बना लेती है और फल के गुद्दों को अपना भोजन बनाना शुरू कर देती है. धीरे-धीरे ये पूरे फल को गलाकर खत्म कर देती है. इस मक्खी को नष्ट करने के लिए नीम वाला फोलियर स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं.

लाल कीटः

इस कीट को रेड पम्पकिन बिटिल के नाम से भी जाना जाता है. इसे पकड़ना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इसकी सूण्ड़ी जमीन के बाहर नहीं बल्कि जमीन के अंदर पाई जाती है. ये ककड़ी और खीरा दोनो पर आक्रमण करते हैं. पौधों की छोटी पत्तियों पर हमला करते हुए ये उन्हें भारी क्षति पहुंचाते हैं. जनवरी से मार्च के महीनों में इनकी तादाद सबसे अधिक बढ़ जाती है. इन्हें रोकने के लिए सुबह ओस पड़ने के समय राख का बिखराव फसलों पर कर सकते हैं. जैविक विधि से इनको रोकने के लिए अजादीरैक्टिन 300 पीपीएम का छिड़काव पौधों पर कर सकते हैं.

फतंगाः

इस कीड़े को अंग्रेजी में डाइफेनीया इंडिका के नाम से भी जाना जाता है, मध्य आकार के ये कीड़े सफेद पंखों वाले होते हैं, जिनकी सुंडी लंबी होती है. इनका आहार ककड़ी और खीरे का फल होता है. इनके रोकथाम के लिए बैसिलस थूजेंसिस वाले कुर्सटाकी का छिड़काव फसलों पर करना चाहिए.

( ककड़ी की खेती की जानकारी के लिए आप कृषि जागरण की इस लिंक पर जा सकते हैं.)

English Summary: this is how you can protect utilissimus kakdi from insects and worms know more about kakdi cultivation
Published on: 25 January 2021, 03:31 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now