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Updated on: 25 October, 2023 11:23 AM IST
These varieties of moong will be ready in 60 days give yield of 15 quintals hectare (Photo Source: Google)

मूंग की दाल किसनों को अन्य दालों की अपेक्षा उपजाने में सरल और जल्दी पैदावार के साथ मोटे मुनाफे के लीयते सबसे उपयुक्त मानी जाती है. यह दाल कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर तो होती ही है साथ ही बाज़ार में इसकी मांग भी बहुतायत में है. आज हम आपको इसकी 10 उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं. यह दस उन्नत किस्में पूसा विशाल, पूसा रत्न, पूसा 9531, एमएल 131, टर्म 1, मालवीय ज्योति, पंत मूंग 3, के 851 हैं.

यह सभी किस्में कम समय में तैयार होकर किसानों को 10-15 क्विंटल/हेक्टेयर तक की पैदावार देती हैं. तो चलिए इन किस्मों के बारे में विस्तार से जाते हैं.

पूसा विशाल (Pusa Vishal)

मूंग की यह किस्म IARI द्वारा विकसित की गई है. मूंग की यह किस्म बोल्ड और चमकदार है और मूंग पीला मोज़ेक वायरस के प्रति प्रतिरोधी है. यह किस्म वसंत ऋतु में 65-70 दिन और गर्मियों में 60-65 दिन में पकती है और उपज 12-13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का मैदानी क्षेत्र है.

पूसा रत्न (Pusa Ratna)

मूंग की यह किस्म IARI द्वारा विकसित की गई है. मूंग की यह किस्म पीला मोज़ेक वायरस के प्रति सहनशील है. किस्म 65-70 दिनों में पक जाती है और उपज 12-13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र पंजाब दिल्ली एनसीआर है.

पूसा 9531 (Pusa 9531)

मूंग की यह किस्म IARI द्वारा विकसित की गई है. मूंग की इस किस्म की फलियाँ हल्के भूरे रंग की होती हैं और मूंग पीला मोज़ेक वायरस के प्रति सहनशील होती हैं. किस्म 60-65 दिनों में पकती है और उपज 12-13 क्विंटल/हेक्टेयर है. इस किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का मैदानी क्षेत्र है.

एमएल 131 (ML 131)

मूंग की यह किस्म मध्यम छोटे आकार की और बीज चमकदार होता है. यह किस्म पीला मोज़ेक वायरस के प्रति आंशिक रूप से प्रतिरोधी है. किस्म 65-70 दिनों में पक जाती है जबकि उपज 8-10 क्विंटल/हेक्टेयर होती है. इस किस्म के लिए अपनाया गया क्षेत्र मध्य प्रदेश है.

टर्म 1 (TARM 1)

मूंग की यह किस्म पाउडरी मिल्ड्यू के प्रति प्रतिरोधी है. किस्म 80-85 दिनों में पकती है, जहाँ उपज 12-13 क्विंटल/हेक्टेयर होती है. यह किस्म मध्य प्रदेश में रबी मौसम के लिए सबसे उपयुक्त है.

मालवीय ज्योति (Malviya Jyoti)

मूंग की यह किस्म मध्यम छोटे आकार की और बीज चमकदार होता है. किस्म 60-65 दिनों में पक जाती है जबकि उपज 12-13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस किस्म के लिए अपनाया गया क्षेत्र मध्य प्रदेश है.

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पंत मूंग 3 (Pant Moong 3)

मूंग की यह किस्म पीला मोज़ेक वायरस के प्रति प्रतिरोधी है. किस्म 75-85 दिनों में पक जाती है जबकि उपज 10-15 क्विंटल/हेक्टेयर होती है. यह किस्म उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है.

पंत मूंग 4 (Pant Moong 4)

मूंग की इस किस्म का बीज हल्का हरा रंग और पीला मोज़ेक वायरस के प्रति सहनशील है. किस्म 65-70 दिनों में पक जाती है जबकि उपज 12-15 क्विंटल/हेक्टेयर होती है. यह किस्म उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है.

जवाहर मूंग 721 (Jawahar Moong 721)

इस किस्म के बीज और पौधे मध्यम आकार के होते हैं. ख़स्ता फफूंदी के प्रति भी कम संवेदनशील. यह किस्म 70-75 दिनों में पकती है जहां उपज 12-14 क्विंटल/हेक्टेयर है. सबसे उपयुक्त क्षेत्र मध्य प्रदेश का झाबुआ क्षेत्र है.

के 851 (K 851)

इस किस्म का बीज मध्यम एवं चमकदार होता है. विविधता सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. किस्म 70-75 दिनों में पक जाती है, जहाँ उपज 8-10 क्विंटल/हेक्टेयर होती है.

English Summary: These varieties of moong will be ready in 60 days give yield of 15 quintals hectare
Published on: 25 October 2023, 11:29 AM IST

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