महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 4 April, 2020 7:41 PM IST

कर्नाटक के मैसूर में रहने वाले एक किसान थमैया ने जैविक खेती में मिसाल कयाम की है. शुरुआत में किसान को सिंचाई और पैदावार में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. इनमें सबसे बड़ी समस्या खेतों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता थी. इसके बाद किसान ने अपरंपरागत तरीके से खेती करने का मन बनाया. किसान ने लगभग 1 एकड़ खेत में 5 स्तरीय की खेती करने का मन बना लिया. यह एक ऐसा मॉडल था, जो कि किसान के लिए आत्मनिर्भर मॉडल साबित हो गया. किसान को इस मॉडल से काफी मुनाफ़ा मिला है.

सालभर में लाखों रुपए का मुनाफ़ा

किसान ने बहुस्तरीय खेती को अपनाकर 1 एकड़ खेत में लगभग 300 किस्म के पैड़-पौधे लगाए. इसमें नारियल, कटहल, बाजरा, पत्तेदार सब्जियां, आम, सुपारी, केले और काली मिर्च तक के पेड़ शामिल हैं. इस मॉडल पर खेती करने के बाद किसान को बहुत लाभ मिल रहा है. इसके साथ ही पानी की 50 प्रतिशत बचत और पैदावार 10 गुना बढ़ी है. इस तरह किसान को सालभर में लगभग 10 लाख रुपए तक का मुनाफा मिल रहा है.

किसान ने इस तरह की खेती

  • किसान थमैया ने नारियल के पेड़ों से खेती करने शुरू किया.

  • किसान ने दो नारियल के पेड़ों के बीच एक चीकू का पेड़ लगाया.

  • इन पेड़ों के बीच एक केले का पेड़ लगाया.

  • किसान ने नारियल के पेड़ों के नीचे सुपारी और काली मिर्च का पेड़ लगाया. इस तरह कई मसालों के पौधे लगाए.

  • इसके बाद खेत के उत्तर और दक्षिण की तरफ आम, जामुन, कटहल, बेल आदि के पेड़ लगाए.

  • इन पेड़ों के नीचे दूसरी परत में मूंग दाल, नींबू और सहजन का पेड़ लगाया.

  • इसके साथ ही हरी सब्जियों की खेती और बाजरा की खेती भी की. आपको बता दें कि इस तरह खेती करने से मिट्टी ढक जाती है. इसके अलावा खरपतवार भी नहीं बढ़ती है.

  • किसान ने खेती की भूमि के नीचे हल्दी, अदरक, गाजर, और आलू भी उगाया.

  • कुछ और पेड़ भी लगाए, जिसमें 140 औषधीय पौधे हैं. इनमें आंवला, चेरी, कॉफ़ी, शीशम, शरीफा, चंदन और गन्ना शामिल है.

क्या होती है पांच-स्तरीय खेती?

इस मॉडल के तहत खेत को एक बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. इसमें किसान एक ही खेत में कई तरह के पेड़-पौधे उगाता सकता है. यह एक आत्मनिर्भर तकनीक है, क्योंकि इस तकनीक में एक फसल की कटाई के बाद दूसरी फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. खास बात है कि इस तकनीक में पानी की बचत के साथ-साथ लाखों रुपए का मुनाफ़ा मिल जाता है.

पांच-स्तरीय खेती का लाभ

इस तकनीक से खेती करने में कई फायदे हैं. इस खेती में पानी का इस्तेमाल बहुत कम होता है. इस तकनीक में पानी झाड़ियां, लताएं और सब्जियां समेत अन्य फसलों की जड़ों देर तक बना रहता है. इस मॉडल की खास बात है कि इससे सालभर पैदावार मिलती रहती है. इस तकनीक में ऐसी फसलों की खएती की जाती है, जिससे अलग-अलग समय में पैदावार मिलती रहती है.

आपको बता दें कि किसान इस तकनीक से सालभर पैदावार बेचकर मुनाफ़ा कमा सकते हैं. एक लाखों रुपए कमाने का बहुत अच्छ ज़रिया है. बता दें कि देश में कई किसान खेतीबाड़ी में बहुत संघर्ष कर रहें हैं, लेकिन मैसूर के किसान थमैया ने  जैविक मॉडल को अपनाकर अपने जीवन को सफल बनाया है.

ये खबर भी पढ़ें: PM Jan-Dhan Yojana: जन-धन खाते से निकालना है रुपए, तो इन 4 आसान तरीकों को अपनाएं

English Summary: technique of farming by planting 300 varieties of plants in the field
Published on: 04 April 2020, 07:49 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now