RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 28 August, 2020 1:11 PM IST

पिछले कई हफ़्तों से हुई भारी बारिश के बाद से कई  क्षेत्रों में सोयाबीन की फसलें अचानक से पीली पड़ गई है और कई सूख भी गई है. इसके लिए सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SPAI) के कार्यकारी निदेशक डी.एन. पाठक (D.N Pathak ) ने  मध्यम व देरी से पकने वाली सोयाबीन प्रजातियों (Soyabean Varieties) में या जहां कीट व रोग प्रारंभिक अवस्था में हैं. उसके लिए कुछ उपाय बताए हैं. जिससे  किसानों को सोयाबीन फसल को कीट एवं बीमारी से बचाने में मदद मिल सकें.

तना मक्खी एवं गर्डल बीटल( Stem fly and girdle beetle)

इसकी रोकथाम के लिए किसानों को सलाह दी है कि वे इसके नियंत्रण के लिए नीचे दिए गए दवाओं का छिड़काव करें: -

  • बीटासायफ्लुथ्रिन प्लस इमिडाक्लोप्रिड 350 मिली.

  • थायमिथोक्सम प्लस लेम्बड़ा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/हेक्टेयर

ये खबर भी पढ़े: सोयाबीन की आधुनिक तरीके से खेती करने का तरीका, बुवाई का सही समय और उन्नत किस्में

सेमीलूपर झल्लियों (Semilooper rings)

जिस फसल में सिर्फ सेमीलूपर झल्लियों का प्रकोप हो रहा है. उसके नियंत्रण के लिए नीचे दिए गए दवाओं का छिड़काव करें:

  • लेम्बड़ा सायहेलोथ्रिन 409 एसटी 300 मिली/हेक्टेयर)

  • इन्डोक्साकार्ब8 ई.सी. 333 मिली/हेक्टेयर) प्लूबेन्डियामाईड 39.35 एससी 150 मिली/हेक्टेयर)

  • फ्लूबेन्डियामाईड 20 डब्ल्यू.जी. 275 मिली/हेक्टेयर)

एन्थ्रेकनोज एवं राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट नामक रोगों की रोकथाम

इस रोग के नियंत्रण के लिए नीचे दिए गए दवाओं का छिड़काव करें:

  • टेबूकोनाझोल 625 मिली/हेक्टेयर)

  • टेबूकोनाझोल प्लस सल्फर 1 किग्रा/हेक्टेयर)

  • पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यूजी 500 ग्राम/हेक्टेयर)

  • हेक्जाकोनाझोल 5 ईसी 800 मिली/हेक्टेयर)

ध्यान देने योग्य बातें :

  • जो सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है वहां इन दवाइयों का उपयोग न ही करें. क्योंकि सोयाबीन की फसल अब करीब 70 दिन की और ज्यादा घनी हो गई है.

  • इसलिए रसायनों (Chemicals) का अपेक्षित प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए 500 लीटर पानी/हेक्टेयर का प्रयोग अवश्य करें.

  • जिन क्षेत्रों में अभी भी जल भराव की स्थिति उत्पन्न है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अतिरिक्त जल निकासी की समुचित व्यवस्था को सुनिश्चिक करें.

English Summary: Soyabean Crop Protection: Save the soybean crop from pests and diseases, Soyabean Processors Association of India gave this advice to farmers
Published on: 28 August 2020, 01:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now