सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 13 July, 2022 12:02 PM IST
Snake Farming

खेती (agriculture) हमारे जीवन का आधार है. अनाज,फल, सब्जी, औषधीय फसलें (medicinal crops) इन सब की खेती बहुत सामान्य बात है. आजकल खेती में बहुत विविधता आ गई है और आपने कई अजीबोगरीब चीजों की खेती के बारे में भी सुना होगा.

देश - दुनिया में एक से एक अजूबे हैं, जो हमें आश्चर्य में डाल देते हैं. क्या आपने कभी सांप की खेती के बारे में सुना है? क्यों चौंक गए ना? आप सोच रहे होंगे भला ऐसी कौन सी जगह है जहां सांप की खेती होती है और कौन करता है यह खेती.

एक उत्पाद(product) बन गया है सांप

आज हम आपको सांप की खेती के बारे में बताएंगे. जी हां, सांप को एक उत्पाद बना दिया गया है, जिसकी बाजार में बहुत मांग है और इसीलिए यह टर्म स्नेक फार्मिंग आजकल बहुत चर्चित हो गया है. हालांकि कोरोना महामारी फैलने के बाद इस तरह की खेती के प्रति रुझान कम हुआ है, क्योंकि यह जीव वायरसों का भंडार होते हैं. इनके जरिए इंसान संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन फिर भी यह प्रवृत्ति पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. आज हम आपको बताएंगे कि सांप की खेती यानी स्नेक फार्मिंग का चलन कहां है और कैसे होती है सांप की खेती.

कहाँ होती है स्नेक फार्मिंग

चीन के एक गांव में जहरीले सांपों की खेती की जाती है. इस गांव का नाम जिसिकियाओ है.  यह गांव भी अपने आप में बहुत अद्भुत है क्योंकि यहां 30 लाख से ज्यादा जहरीले सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं. गांव में करीब हजार लोग रहते हैं और ताज्जुब है कि हर दूसरा शख्स स्नेक फॉर्मिंग के इस काम से जुड़ा हुआ है.

सांपों से है दोस्ती

इस गांव के लोगों की दोस्ती विषैले सांपों से है जिनका नाम सुनते ही हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. किंग कोबरा और करैत जैसे सांपों को लेकर लोग बड़े सहज हैं. यही कारण है कि सांपों की खेती के लिए यह गांव पूरी दुनिया में जाना जाता है. इस खेती को स्नेक फार्मिंग कहा जाता है. इस गांव में सांपों की अलग-अलग प्रजातियों की ब्रीडिंग भी कराई जाती है. यहां किंग कोबरा और वाईपर ही नहीं अजगर भी पाले जाते हैं.

क्यों पाला जाता है यहां सांपों को

इस गांव में सांपों को इसलिए पाला जाता है, ताकि इनके अंगों को बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया जा सके. चीन में सांप के मीट की भी बहुत मांग है. गांव के लोग सांप के जहर को बेचकर भी अच्छा मुनाफा कमाते हैं. हो सकता है आपका मन यह पढ़कर बेचैन हो जाए पर यहां सांपों का बूचड़खाना भी है जहां सांपों को काटकर उनके अंग बेच दिए जाते हैं.

सांप की एक प्रजाति से डरता है सारा गांव

- यूं तो गांव वाले सांपों के साथ बहुत ही सहजता से रहते हैं लेकिन एक सांप से इन्हें भी डर लगता है जिसका नाम है फाइव स्टेप.

- इसे फाइव स्टेप इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस सांप के काटने के बाद पांच कदम चलते ही आदमी की मृत्यु हो जाती है.

किस तरह पाला जाता है सांपों को

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां शीशे और लकड़ी के छोटे-छोटे बॉक्सेस में सांपों को पाला जाता है और जब सांप के बच्चे अंडों से निकलकर कुछ बड़े हो जाते हैं, तो इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए प्लास्टिक के थैलों का उपयोग किया जाता है. सांप के शरीर के एक-एक अंग का उपयोग इन लोगों के व्यापार का हिस्सा है. इनके जहर, चमड़े और मांस से दवाएं बनाई जाती हैं.

तो दोस्तों देखा आपने कितने अजीबोगरीब काम इस दुनिया में किए जाते हैं. स्नेक फार्मिंग के लिए विश्व पटल पर विख्यात यह गांव आज भी पूरी शिद्दत से इस काम में लगा हुआ है.

English Summary: snakefarming in village of China
Published on: 13 July 2022, 12:15 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now