जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 2 February, 2022 11:18 PM IST
Scientist Advisory To Pest Control

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में बदलते मौसम ने फसलों को भारी नुकसान (Heavy Damage To Crops) पहुंचाया है. इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान दलहनी और तिलहनी फसलों (Pulses And Oilseed Crops) को हुआ है.

दरअसल, मध्य प्रदेश के सीधी क्षेत्र (Sidhi Region Of Madhya Pradesh) में बारिश और ओला से चने की फसल पर इल्ली का प्रकोप (Worm Infestation On Gram Crop ) बढ़ रहा है, तो वहीं सरसों की फसल में माहू नामक रोग (Disease Of Months) का प्रकोप बढ़ रहा है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल पर बढ़ते कीटों के प्रकोप को देखकर चिंता सता रही है. फसलों में बढ़ते कीटों के प्रकोप से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जिले के कृषि वैज्ञानिकों ने जरुरी सलाह जारी (Advice Issued ) दी है. उन्होंने कहा कि समय पर कीटों को नियंत्रित कर फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है.

खेत में गाड़ें खूंटी (Bury In The Field)

कृषि विज्ञान केंद्र सीधी के वैज्ञानिकों ने चने की फसल को इल्ली से बचाने के लिए बर्ड परचर (Bird Attendant ) का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि एक एकड़ खेत में 7-8 जगह पर अंग्रेजी के टी आकार की खूंटी गाड़ दें, साथ ही खूंटी के पास थोड़ा सा चावल का छिड़काव कर दें. ऐसा करने से चिड़ियाँ चावल को चुनने के लिए उस खूंटी के पास आकर बैठ जाएंगी और फसलों पर आ रहे कीटों को खाकर समाप्त कर देंगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब फसल में फलियां फूटने लगेंगी, तो इन खूंटियों को हटा दें, वरना फलियों को चिड़ियाँ चुंग सकती हैं.

इसे पढ़ें - गेहूं की फसल पर मंडराया पीले रतुआ रोग का खतरा, अपनाएं कृषि विशेषज्ञों की सलाह

रासायनिक छिड़काव करें (Spray Chemical Method)

वहीँ, कृषि वैज्ञानिकों ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि खूंटी के अलावा फसलों पर किट नियंत्रण के लिए रासायनिक छिड़काव कर सकते हैं

इसके लिए चने की फसल में प्रोपेनोफोस 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़क दें. वहीँ, सरसों की फसल में माहू कीट नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोरोपीड 7 मिली प्रति टंकी की दर से घोल बनाकर छिड़क दें.

English Summary: scientists gave advice to prevent diseases caused by unseasonal rains
Published on: 02 February 2022, 12:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now