दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और उपयोगी कोई सब्जी है, तो वह आलू है. इसकी खेती पूरी दुनिया में होती है, लेकिन इसका मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है. बताया जाता है कि भारत में आलू 16वीं शताब्दी के आसपास पुर्तगालियों द्वारा लाया गया है. तब से लेकर आज तक आलू की खेती हो रही है.
इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है. अगर आप भी एक किसान हैं और आलू की खेती करके मालामाल होना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को जरूर पढ़िए, क्योंकि आज हम आलू की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई कर किसान आलू की उन्नत खेती कर सकते हैं. इस किस्म का नाम कुफरी संगम है, तो आइए आलू की कुफरी संगम किस्म की जानकारी देने से पहले इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में बताते हैं.
आलू के पौष्टिक तत्व (Nutritional Elements of Potatoes)
इसमें कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसका मुख्य पौष्टिक तत्व स्टार्च है. आलू क्षारीय होता है, इसलिए यह शरीर में क्षारों की मात्रा बढ़ाने और उसे बरकरार रखने में मदद करता है. इसके साथ ही शरीर में ऐसीडोसिस भी नहीं होने देता है.
आलू की कुफरी संगम किस्म की जानकारी (Information about the Kufri Sangam variety of potato)
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा आलू की नई कुफरी संगम किस्म तैयार की गई है. आलू की यह किस्म खाने में स्वादिष्ट होती है, साथ ही इससे फसल का उत्पादन भी अच्छा प्राप्त होता है. यह किस्म उत्तर प्रदेश समेत देश के 8 राज्यों के लिए उपयोगी मानी गई है. यानी यह किस्म उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए उपयोगी है.
12 साल की मेहनत लाई रंग
सबसे खास बात यह है कि इस किस्म को मेरठ के मोदीपुरम में लगभग 12 साल के शोध के बाद विकसित किया गया है. इस किस्म का परीक्षण अखिल भारतीय स्तर पर किया गया है. यह 14 केंद्रों के मानकों पर खरी उतरी है. इसके बाद किसानों के लिए तैयार की गई है.
रोग प्रतिरोधी है आलू की कुफरी संगम किस्म (Disease resistant Kufri Sangam variety of potato)
यह रोग प्रतिरोधी किस्म है. खास बात यह है कि इस किस्म में पछेता झुलसा बीमारी को सहन करने की अच्छी क्षमता है. यह किस्म से कुफरी चिप्सोना, कुफरी बहार, फ्राइसोना से अधिक देगी.
कितने दिनों में तैयार होगी किस्म (In how many days will the variety be ready?)
आलू की कुफरी संगम किस्म लगभग 100 दिनों में तैयार हो जाएगी. यह किस्म खाने के साथ- साथ उत्पादन के लिए भी अच्छी है.
कब करें कुफरी संगम किस्म की बुवाई (When to sow Kufri Sangam variety)
अगर उत्तरी मैदान के किसान इस किस्म की बुवाई करना चाहते हैं, तो अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा केंद्रीय मैदान में अक्टूबर से 5 नवंबर के पहले पखवाड़े तक बुवाई कर सकते हैं.
आलू की कुफरी संगम किस्म से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए कृषि जागरण ने डॉ. मनोज कुमार, संयुक्त निदेशक, सीपीआरआई से बातचीत की. उन्होंने बताया है कि यह आलू की पहली ऐसी किस्म है, जो खाने और प्रोसिंसग, दोनों के लिए उपयोगी है. यानी इस किस्म के आलू से चिप्स कुरकुरे और फ्रेंच फ्राई आदि भी बनाए जा सकते हैं. किसानों के लिए आलू की यह किस्म बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसकी बुवाई से किसान अधिक से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं.