Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 September, 2020 11:38 AM IST
Wheat Farming in India

देश के किसान खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं. रबी सीजन में गेहूं की खेती का प्रमुख स्थान है, इसलिए किसानों को गेहूं की खेती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि फसल से अच्छा उत्पादन पा सकते हैं. 

किसान गेहूं की खेती से अच्छा और ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक नए-नए शोध करते रहते हैं. बता दें कि गेहूं की खेती में उन्नत किस्मों का चुनाव एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो फसल की उपज निर्धारित करता है. ऐसे में किसानों को नई, रोगरोधी और उच्च उत्पादन क्षमता वाली  गेहूं की किस्मों का चुनाव करना चाहिए.

अधिक उपज के लिए गेहूं की उन्नत किस्मों का चुनाव (Selection of improved varieties of wheat for higher yield)

  • अगर सिंचित और समय से बुवाई के लिए किस्मों की बात करें, तो किसान डीबीडब्ल्यू 303, डब्ल्यूएच 1270, पीबीडब्ल्यू 723 आदि की बुवाई कर सकते हैं.

  • सिंचित और देर से बुवाई के लिए किसान डीबीडब्ल्यू 173, डीबीडब्ल्यू 71, पीबीडब्ल्यू 771, डब्ल्यूएच 1124, डीबीडब्ल्यू 90 व एचडी 3059 की बुवाई कर सकते हैं.

  • इसके अलावा अधिक देरी से बुवाई के लिए एचडी 3298 किस्म का चुनाव कर सकते हैं.

  • सीमित सिंचाई और समय से बुवाई के लिए डब्ल्यूएच 1142 किस्म को अपना सकते हैं.

गेहूं की बुवाई का समय (Wheat sowing time)

गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने में बुवाई का समय महत्वपूर्ण कारक है. बता दें कि समय से बहुत पहले या बहुत बाद में फसल की बुवाई करने से उपज पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. वैज्ञानिकों को कहना है कि किसान खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं. किसानों को अक्टूबर में गेहूं की बुवाई का काम शुरू करके नवम्बर-दिसम्बर के मध्य तक खत्म कर लेना चाहिए.

गेहूं के खेत की तैयारी (Wheat field preparation)

गेहूं की बुवाई करने से 15 से 20 दिन पहले पहले खेत तैयार करते समय 4 से 6 टन/एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए. इससे मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.

जीरो टिलेज व टर्बो हैप्पी सीडर से गेहूं की बुवाई (Wheat sowing with zero tillage and turbo happy seeder)

धान और गेहूं फसल पद्धति में जीरो टिलेज तकनीक से बुवाई करना काफी कारगर और लाभदायक माना जाता है. इस तकनीक से धान की कटाई के बाद जमीन में संरक्षित नमी का उपयोग करते हुए जीरो टिलेज सीड ड्रिल मशीन से गेहूं की बुवाई बिना जुताई के ही की जाती है.

गेहूं फसल की सिंचाई प्रबंधन (Wheat Crop irrigation management)

गेहूं की फसल को 5 से 6 सिंचाई की जरूरत होती है. मगर किसानों को पानी की उपलब्धता, मिट्टी और पौधों की आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए.

गेहूं फसल के रोग व कीट (Diseases and pests of wheat crop)

  • किसानों को प्रतिरोधी किस्मों की बुवाई करना चाहिए.

  • नत्रजन उर्वरक का संतुलित मात्रा में उपयोग करना चाहिए.

  • बीज जनित संक्रमण के प्रबंधन के लिए प्रमाणित बीज का प्रयोग करें.

  • बीजों को कार्बोक्सिन (75 डब्ल्यूपी) या कार्बेन्डाजीम (50 डब्ल्यूपी) से 5 ग्राम/किलोग्राम की दर से उपचारित करें.

  • पीला रतुआ रोग में प्रॉपीकोनाजोल (25 ईसी) या टेब्यूकोनाजोल (250 ईसी) नामक दवा का 1 प्रतिशत (1.0 मिली/लीटर) का घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए.

  • चूर्णिल आसिता रोग होने पर लिउ प्रोपीकोनाजोल (25 ईसी) नामक दवा की 1 प्रतिशत (1.0 मिली/लीटर) मात्रा का 1 छिड़काव पौधों में बाली निकलते समय करना चाहिए.

गेहूं फसल की कटाई (Wheat Crop harvest)

जब गेहूं के दाने पककर सख्त हो जाएं, साथ ही नमी की मात्रा 20 प्रतिशत से कम हो जाए, तो किसानों को कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई, मढ़ाई और ओसाई एक साथ करना देना चाहिए.

गेहूं फसल की पैदावार (Yield of wheat crop)

अधिक उपज देने वाली नई किस्मों की बुवाई से लगभग पति हेक्टेयर 70 से 80 क्विंटल पैदावार प्राप्त की जा सकती है.

गेहूं के भंडारण का सही तरीका (The right way to store wheat)

  • भंडारण से पहले दानों को अच्छी तरह से सुखा लें, जिससे नमी 10 से 12 प्रतिशत के सुरक्षित स्तर पर आ जाए.

  • टूटे और कटे-फटे दानों को अलग कर देना चाहिए.

  • भंडारण के लिए जी आई शीट के बने बिन्स (साइलो एवं कोठिला) का प्रयोग करना चाहिए.

  • कीट बचाव के लिए लगभग 10 क्विंटल अनाज में एक टिकिया एल्यूमिनियम फॉस्फाईड की देना चाहिए.

English Summary: October is the best time for farmers to cultivate wheat
Published on: 28 September 2020, 11:44 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now