मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 5 June, 2021 12:43 PM IST

भारत विभिन्न मसालों में अभी आत्मनिर्भर है लेकिन हींग के मामले में ऐसा नहीं है. अब भी हम मीडिल ईस्ट के देशों से हींग का आयात करते हैं. दुनियाभर में हींग का उपयोग औषधीय और दवाईयों में किया जाता है लेकिन हम मसाले में इसका उपयोग करते हैं. हमारे विभिन्न जायके हींग के बगैर अधूरे है. लेकिन अब भारत ने भी हींग में आत्म निर्भर बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हींग की खेती को लेकर बड़ा बयान दिया है.

100 मिलियन डॉलर का खर्च

पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हींग का उत्पादन भारत में शुरू हो गया है. देश में हींग उत्पादन की पहल काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ने की है. भारत हींग ईरान, अफगानिस्तान और मीडिल ईस्ट के कुछ देशों से आयात करता है. ईरान में बड़े पैमाने पर हींग का उत्पादन होता है. यहां के लार शहर में हींग का उत्पादन होता है. लेकिन अब भारत ने भी हींग के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की तरफ कदम बढ़ा दिए है.

दुनिया की 40 फीसदी हींग का उपयोग

भारत में भले ही हींग का उत्पादन नहीं होता है लेकिन खपत में हम दुनिया में सबसे आगे है. इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारे ज्यादातर पकवानों में हींग का प्रयोग किया जाता है. जबकि दुनिया के अन्य देशों में हींग का उपयोग महज औषधीय और दवाईयों में  ही किया जाता है. भारत में हींग ईरान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान से आती है. भारत ने साल 2019 में इन देशों से 1500 टन हींग आयात की थी जिसकी कीमत 100 मिलियन डॉलर से अधिक है.

हिमाचल में शुरू हुई हींग की खेती

खबरों के अनुसार, भारत में 2020 में हींग की खेती शुरू हुई है. हिमाचल प्रदेश की लाहौलघाटी में हींग की खेती की जा रही है. हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी के सहयोग से यहां के किसान हींग का सफल उत्पादन करेंगे. दरअसल, लाहौलघाटी का ठंडा रेगिस्तान और जलवायु हींग की खेती के लिए उपयुक्त है. काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च का कहना है कि 15 अक्टूबर, 2020 को यहां के क्वारिंग गांव में हींग पहला बीज बोया गया था. यहां फेरूला एस्टोफेडिया के बीजों को एग्रो टेक्नो लॉजी को डेवलप करके सफल रूप से उगाया जा रहा है. इससे पहले इस पौधे को उगाने में जरूरी तत्वों की कमी आ रही थी.

10 लाख रूपये तक का मुनाफा

काउंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च के डायरेक्टर संजय कुमार के मुताबिक, हींग की खेती में प्रति हेक्टेयर 3 लाख रूपये तक की लागत आती है. पांच सालों के लिए हींग की खेती होती है. हमारा फोकस है किसानों को 5 वें साल 10 लाख रूपये का मुनाफा हो. उन्होंने कहा कि देश का ठंडा रेगिस्तान हींग की खेती के लिए उपयुक्त है. हिमाचल के अलावा अरूणाचल प्रदेश औ उत्तराखंड की जलवायु हींग की खेती के लिए आदर्श है.

English Summary: Now the country will become self-sufficient in the cultivation of asafoetida, PM Modi made a big statement
Published on: 05 June 2021, 01:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now