देश में अभी खरीफ सीजन अपने अंतिम अवस्था में चल रहा है और कुछ दिनों बाद रबी सीजन की तैयारियां शुरु होने वाली हैं. रबी के सीजन में गेहूं की फसल एक मुख्य फसल होती है. ऐसे में किसानों के लिए आज के इस लेख में एक खुशखबरी है, क्योंकि विवेवानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा ने गेहूं की एक नई किस्म तैयार की है . वैज्ञानिकों ने इस किस्म को वीएल 2041 नाम दिया है. बताया जा रहा है कि बेकरी उत्पाद बनाने के लिए यह किस्म एक अच्छी है.
इसका मतलब साफ है कि किसान गेहूं की वीएल 2041 का उत्पादन कर बाजार में अच्छा दाम प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि सामान्य गेहूं से बेकरी उत्पाद बनाने वाले गेहूं से ज्यादा होती है.
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यह किस्म हैं इन राज्यों के लिए उपयुक्त
विवेवानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा तैयार की गई किस्म वीएल 2041 के बारे में हाल ही में हुई 61वीं भारतीय गेहूं और जौ शोधकर्ताओं की सालाना बैठक में बताया गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह किस्म उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर के किसानों के उपयुक्त है.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने भी जारी की हैं 3 किस्में
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने भी बीते दिनों गेहूं की तीन किस्में तैयार की हैं, जो कि देश के किसानों के लिए उपयोगी बताई जा रही है, जिनमें PBW 826, PBW 872 और PB 833 किस्में शामिल हैं.
रोग प्रतिरोधी क्षमता से परिपूर्ण ये किस्म
आपको बता दें कि कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा तैयार की गई ये किस्म रोग प्रतिरोधी क्षमता से परिपूर्ण है और साथ ही गेहूं में अमूमन लगने वाले रतुआ रोग से यह किस्म प्रतिरोधी है. वहीं, दूसरी तरफ इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक पाई गई है. जिसके तहत इस किस्म में औसतन 09.07 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा दर्ज की गई है. वहीं इसका दाना मुलायम है. अपने इन सभी गुणों की वजह से यह किस्म बेकरी उत्पादों के लिए सर्वोत्तम बताई जा रही है.