हमारे किसान भाई अच्छी तरह जानते होंगे कि खेती के लिए जलवायु का अनुकूल होना कितना जरूरी होता है. अब खरीफ सीजन की फसलों की कटाई कर रबी सीजन की फसलों की बुवाई की जाएगी. ऐसे में किसान भाईयों के लिए सरसों की खेती का समय (Sarson Ki Kheti) भी नजदीक आ गया है.
सरसों की खेती पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है. इन राज्यों के किसान सरसों की खेती (Sarson Ki Kheti) से अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.
अगर आप भी सरसों की खेती (Sarson Ki Kheti) करना चाहते हैं, तो ये आपके लिए वरदान साबित हो सकती है, लेकिन सरसों की उन्नत खेती (Sarson Ki Kheti) के लिए किसान भाईयों को हमारा ये लेख पढ़ना होगा, क्योंकि हम इस लेख में भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शंकर लाल जाट द्वारा दी गई जानकारी साझा कर रहे हैं. आप इस तरह सरसों की वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सकते हैं.
बुवाई का समय (Time of Sowing)
अगर किसान भाई सरसों की खेती करना चाहते हैं, तो सितंबर अंतिम सप्ताह से 15 अक्टूबर तक सरसों की बुवाई कर सकते हैं.
खेत की तैयारी (Farm Preparation)
मक्का के बाद सरसों की बवुाई शून्य जताई स्थिति में की जा सकती है. अगर किसान भाईयों को लगता है कि खेत में जुताई की आवश्यकता है, तो वह खेती की जुताई कर सकते हैं.
सरसों की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Mustard)
-
पीबीआर 357
-
आरजीएन 229
-
पूसा सरसों 29 और 30
-
पीडीजेड 1
-
एलईएस 54
-
कोरल पीएसी 437
-
जीएससी-7 (गोभी सरसों)
बीज की मात्रा (Seed Quantity)
सरसों की खेती में लगभग 2 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता पड़ती है. वैसे बीज की मात्रा फसल की अवधि पर भी निर्भर करती है. अगर अधिक दिनों की किस्म है, तो बीज की मात्रा कम उसके आधार पर ही लगेगी. अगर कम दिनों की किस्म है, तो बीज की मात्रा ज्यादा लगेगी.
बुवाई की विधि (Sowing Method)
सरसों के लिए मक्के की एक पंक्ति के दोनों ओर दो पंक्तियां बोई जा सकती हैं. बवुाई के लिए हैप्पी सीडर या जीरो टिल बेड प्लांटर का प्रयोग भी कर सकते हैं.
खरपरवार नियंत्रण (Weed Control)
सरसों के लिए फ्लूक्लोरालिन 42% ईसी (बेसलिन) @ 950 ग्राम/एकड़, पूर्व-उद्भव आवेदन के रूप में प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा आइसोप्रोटूरॉन 75% डब्ल्यू पी (एरिलॉन) @ 400 ग्राम/एकड़ बवुाई के 30 दिनों के बाद प्रयोग कर सकते हैं.
पोषक तत्वों की आवश्यकता (मात्रा/एकड़) (Nutrient Requirement (Volume/Acre)
-
35 किलोग्राम डीएपी
-
8 किलो सल्फर
-
25 किलो यूरिया फसल बोने के साथ
-
शाखाओं के फूटने की अवस्था में 40 किग्रा यूरिया.
सिंचाई (Irrigation) सरसों की खेती में 2 से 3 सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही ब्रांचंगि और फलियां बनने की अवस्था में विशेष रूप से पानी लगाना चाहिए. कटाई (Harvesting) किसान भाई ध्यान दें कि जब फली पीली हो जाएं, तब सरसों की कटाई का समय उपयुक्त माना जाता है. इस तरह आप सरसों की उन्नत खेती कर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपको अच्छी कमाई करने का बेहतर मौका प्राप्त होगा. डॉ शंकर लाल जाट, वरिष्ठ वैज्ञानिक भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, दिल्ली इकाई, दिल्ली