भारतीय व्यंजनों में मशरूम की मांग (Mushroom Demand) सबसे अधिक देखी जाती है. वैसे तो भारत के किसानों के द्वारा कई तरह की मशरूम की किस्मों को उगाया जाता है. लेकिन कुछ ही किस्म ऐसी हैं, जो भारतीय बाजार के साथ- साथ विदेशों में भी लोकप्रिय हैं. ऐसे में आज हम आपके लिए मशरूम की ऐसी उन्नत किस्म लेकर आए हैं, जो किसानों को कम समय में अच्छी पैदावार के साथ बढ़िया मुनाफा कमाकर देंगी.
ब्लू ऑयस्टर मशरूम (Blue Oyster Mushroom): इस मशरूम की डिमांड देश-विदेश के बाजार में बहुत ही अधिक है. किसानों को इसे उगाने में बहुत ही कम खर्च करना पड़ता है. पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें.
मशरूम एनपीएस-5 किस्म (Mushroom NPS-5 Variety): यह मशरूम को कम और अधिक पानी से कोई है और कार्बन डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता से कोई नुकसान नहीं होता है. अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
सफेद बटन मशरूम (White Button Mushroom): यह बाजार में बिकने वाली सबसे अधिक मशरूम हैं. इसके लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस का तापमान की जरूरत होती है.
ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम (Dhingri (Oyster) Mushroom): यह मशरूम 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में उगती है. देखा जाए तो यह 3 महीने में तैयार हो जाती है.
दूधिया मशरूम (Milky Mushroom): यह मशरूम आकार में बहुत ही बड़ी होती है. सेहत के लिए भी इसे बहुत ही अच्छा माना जाता है.
पैडीस्ट्रा मशरूम (Pedistra Mushrooms): इस मशरूम के लिए तापमान 28-35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए. इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह बहुत ही जल्दी तैयार होकर बाजार में बिकने के लिए चली जाती है.
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इसके अलावा बाजार में अन्य किस्म की मशरूम भी आती है. जिसे लोगों के द्वारा बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है. जैसे कि-
ओयस्टर मशरूम: यह 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड
बटन मशरूम: 15 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड
वृहत / स्वेट दूधिया: 30 से 80 डिग्री सेंटीग्रेड
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