PM-Kisan: 9.5 करोड़ किसानों के लिए खुशखबरी, पीएम मोदी कल जारी करेंगे पीएम-किसान की 18वीं किस्त केंद्र ने क‍िसानों के ल‍िए खोला खजाना,1 लाख करोड़ रुपये की दो कृषि योजनाओं को मिली मंजूरी, जानें कैसे मिलेगा लाभ Good News: देश में खाद्य तेल उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा, केंद्र सरकार ने इस योजना को दी मंजूरी केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक पपीता की फसल को बर्बाद कर सकता है यह खतरनाक रोग, जानें लक्षण और प्रबंधित का तरीका
Updated on: 6 July, 2020 11:02 AM IST
Soyabean Cultivation in india

खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती को प्रमुख स्थान दिया जाता है. यह दलहन की जगह एक तिलहन फसल (Oilseed crop) मानी जाती है. सोयाबीन मानव पोषण और स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है, इसलिए इसको खाद्य का मुख्य स्त्रोत माना जाता है. इसमें प्रोटीन और वसा समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके चलते बाजार में इसकी मांग ज्यादा बनी रहती है.

ऐसे में किसान इसकी खेती से अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं. ध्यान रहे कि सोयाबीन की खेती (Soyabean Farming) में खरपतवार प्रबंधन क्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए फसल के पोषक तत्वों का निर्णय सावधानीपूर्वक लेना चाहिए.

सोयाबीन में एकीकृत खरपतवार प्रबंधन (Integrated Weed Management in Soybean)

  • फसल बुवाई के बाद 30 से 45 दिनों तक खरपतवार नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है.

  • बतर आने पर डोरा या कुल्फा चलाकर खरपतवार नियंत्रण करें.

  • इसके बाद एक निदाई अंकुरण होने के 30 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण करें.

ये खबर भी पढ़ें: मक्का की फसल को बर्बाद कर सकता है फॉल आर्मीवर्म, ऐसे करें पहचान और उसकी रोकथाम

रासायनिक विधि से खरपतवारों का नियंत्रण- फसल बुवाई के बाद और अंकुरण से पहले डायक्लोसुलम 84% डब्ल्यूडीजी (स्ट्रॉग आर्म) 12.5 ग्राम प्रति एकर बुवाई से 3 दिन के अंदर 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़क दें.

खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती और घास खरपतवारों का नियंत्रण-  इमाईज़ेथापायर 10 प्रतिशत एसएल (परशूट) 400 मिली प्रति एकर+एमएसओ एडजुवेंट 400 मिली प्रति एकर 200 लीटर पानी में घोलकर खरपतवारों की 1 से 2 पत्ती अवस्था या बुवाई के 15-20 दिन बाद भूमि में नमी होने पर छिड़क दें.  

ये खबर भी पढ़ें: Chili Varieties: मिर्च की इन 10 किस्मों की करें बुवाई, कम दिन में फसल तैयार होकर देगी बंपर उत्पादन

खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती और घास कुल के खरपतवारों का नियंत्रण-  इमज़ामोक्स 35 प्रतिशत+ इमेजेथाफायर 35 प्रतिशत डब्ल्यूजी (ओडिसी) 40 ग्राम+एमएसओ एडजुवेंट 400 मिली प्रति एकड़  200 लीटर में घोलकर बुवाई के 15 से 20 दिन बाद खेत में नमी होने पर छिड़क दें.

खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती के खरपतवारों का नियंत्रण-  प्रोपैक्विज़ाफॉप 2.5 प्रतिशत+इमेज़ैथायर 3.75 प्रतिशत एमडब्ल्यू (साकेड) 800 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर 15 से 20 दिन बाद खेत मे नमी होने पर छिड़क दें.

डॉ. एस. के. त्यागी, कृषि विज्ञान केंद्रखरगौन, मध्य प्रदेश

English Summary: Method of weed management in soybean crop
Published on: 06 July 2020, 11:10 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now