लीक प्याज (Leek Onion) की डिमांड देश के बड़े होटलों और रेस्टोरेंट में बढ़ती जा रही है. इसके चलते इसकी खेती करना किसानों को अच्छा खासा मुनाफा दिला सकता है. दरअसल, लीक प्याज एक कंदीय प्याज की किस्म होती है लेकिन जिसका आकार सामान्य प्याज के आकार से छोटा होता है. सामान्यतः लीक प्याज का आकार लहसुन के समान होता है. जहां विदेशी मेहमान भारत आकर इसका सूप, सलाद और सब्जी खाना पसंद करते हैं वहीं बड़े शहरों में भी लोग इसकी भाजी खाना पसंद करते हैं. तो आइए जानते हैं कैसे लीक प्याज की खेती करें.
भूमि और जलवायु
यह एक कंदीय फसल और इसकी अधिक पैदावार के लिए ठंडी जलवायु में अच्छी मानी जाती है. लीक प्याज के पौधे की बढ़वार 20 सेंटीग्रेड के तापमान पर अच्छी होती है. वहीं 30 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान इसके अंकुरण के लिए आदर्श होता है. वहीं मिट्टी की बात कि जाए तो दोमट तथा हल्की बलुई दोमट जीवांश वाली मिट्टी जिसका पीएचमान 6 से 7 हो उपयुक्त होती है.
खेत की तैयारी
रोपाई से पहले 2 से 3 जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना चाहिए. इसके बाद कल्टीवेटर से जुताई करके मिट्टी को भुराभुरा बनाने के लिए रोटावेटर चलाए.
लीक प्याज की उन्नत किस्में
अमेरिकन फ्लैग तथा लंदन फ्लैग इसकी दो प्रचलित किस्में हैं. इसके अलावा प्राइज टेकर और मैमथ कोलासोल और कुछ लोकल किस्मों की भी बुआई की जा सकती है.
बीज की मात्रा
एक हेक्टेयर में लीक प्याज की खेती के लिए 5 से 6 किलो बीज की जरुरत पड़ती है. हालांकि बीज की मात्रा मौसम पर अधिक निर्भर करती है.
बुआई का उचित समय
इसके रोपाई के लिए मध्य सिंतबर से नवंबर महीने तक का समय उचित माना जाता है. वहीं पहाड़ी इलाकों में इसकी रोपाई मार्च और अप्रैल में भी की जाती है. बीज की बुआई से पहले उंची हुई क्यारियां बना लेना चाहिए. जिसमें पर्याप्त मात्रा में खाद और उर्वरक डाले. इसके बाद बीज को छिटकाव विधि से बुवाई करें. बुआई के बाद एक हल्की सिंचाई करना चाहिए. 25 से 30 दिनों में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
खाद एवं उर्वरक
प्रति हेक्टेयर 8 से 10 टन गोबर खाद, नाइट्रोजन 100 किलोग्राम, फास्फोरस 80 किलोग्राम और पोटाश 60 किलोग्राम की पर्याप्त होता है. नाइट्रोजन को तीन बराबर हिस्से में करके पहली खुराक रोपाई से पहले और दो खुराक बाद में 25 से 30 दिनों के अंतराल में डालना चाहिए.
रोपाई की विधि
लीक प्याज के पौधे की रोपाई क्यारियों में की जाती है. क्यारियों में लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. पौधों को 8 से 10 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाना चाहिए.
निराई गुड़ाई और सिंचाई
सामान्य प्याज की तरह इसमें भी पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद और दूसरी सिंचाई 10 से 12 दिनों के अंतराल पर करना चाहिए. वहीं समय समय पर इसकी निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए ताकि पौधे की बढ़वार अच्छी तरह से हो.
उत्पादन
लीक प्याज की तुड़ाई उस समय उचित मानी जाती है जब इसका तना 2 से 3 सेंटीमीटर व्यास का या लहसुन के समान हो जाए. अब मंडी में ले जाने से पहले इसे अच्छी तरह से धो लें एवं अतिरिक्त पत्तों की छटाई कर दें. इसके बाद इसके बंडल बनाकर मंडी ले जाए.लीक प्याज का प्रति हेक्टेयर से लगभग 400 से 500 क्विंटल का उत्पादन लिया जा सकता है. पत्तियों समेत इसका प्रति पौधा 125 से 150 ग्राम का होता है.