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Updated on: 7 July, 2020 3:41 PM IST
Maize crop

देश के किसान खरीफ सीजन में धान के बाद मक्का (Maize) की खेती करना प्रमुख मानते हैं. इसकी खेती, दाने, भुट्टे और हरे चारे के लिए होती है. मक्का को खरीफ की फसल कहा जाता है, लेकिन देश के कई क्षेत्रों में इसको रबी सीजन में भी उगाया जाता है. 

बता दें कि मक्का प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट समेत कई गुणों से भरपूर होता है, इसलिए इसका उपयोग मानव आहर के रूप में ज्यादा होता है. यह मानव शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है, साथ ही यह पशुओं का भी प्रमुख आहर है. मक्का अन्य फसलों की तुलना में जल्द पकने वाली फसल है. 

इसकी खेती से किसानों को अधिक पैदावार देती है. अगर किसान नई तकनीक से इसकी खेती करें, तो फसल की अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके उन्हें मक्का में एकीकृत खरपतवार प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा.

मक्का में एकीकृत खरपतवार प्रबंधन (Integrated Weed Management in Maize)

  • मक्का में बुवाई के 12 से 15 दिन बाद एक बार कुलपा चलाकर खरपतवारों की रोकथाम करना चाहिए.

  • बुवाई के 25 से 30 दिन बाद एक बार खुरपी से निराई-गुड़ाई करनी चाहिए

  • अगर निराई-गुड़ाई नहीं कर पाएं हैं, तो खरपतवारनाशी दवा का छिड़काव कर सकते हैं.

  • मक्का में चौड़ी और सकरी पत्ती के खरपतवारों की रोकथाम के लिए टोपरामेजोन 6 प्रतिशत एससी (टिनज़र) 30 मिली प्रति एकड़+एडजुवेंट 200 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 15 से 20 दिन बाद छिड़क दें.

  • इसके अलावा चौड़ी पत्ती, घास और मौथा कुल के खरपतवारों की रोकथाम के लिए टेम्बोट्रायआन 42 प्रतिशत एससी (4% w/w) (लाउडिस) 115 मिली मात्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 15 से 20 दिन बाद छिड़क दें. इससे मक्का की फसल में एकीकृत खरपतवार प्रबंधन अच्छी तरह हो सकता है.

डॉ. एस. के. त्यागी, कृषि विज्ञान केंद्रखरगौन, मध्य प्रदेश

English Summary: Knowledge of integrated weed management in maize crop
Published on: 07 July 2020, 03:46 PM IST

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