GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 June, 2021 1:37 PM IST
Use of Biological Measures Diseases and Pests Control

माइकोराइजा ऐसा सूक्ष्मदर्शी जीव है जो उच्च पौधों की जड़ों और कवक/ फंगस के मध्य सहजीवी संबंध के रूप में रहते है. इस प्रकार का संबंध लगभग 95% पौधों में पाया जाता है. यह सूक्ष्म जीव मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों जैसे- फास्फोरस, नाइट्रोजन और छोटे पोषक तत्व को पौधे के लिए उपलब्ध अवस्था में बदलता है, ताकि पौधे की जड़ों को पोषक तत्व मिल सके. माइकोराइजा फास्फोरस के अवशोषण में मुख्य भूमिका निभाता है. यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति में सुधार कर पौधों की जड़ों को विकसित भी करता है. इसे जैव उर्वरक VAM के रूप में फसलों में इस्तेमाल किया जाता है. 

क्या है माइकोराइजा के लाभ/What are the Benefits of Mycorrhiza

मिर्च, बैंगन, गोभी, भिण्डी, टमाटर, आलू, प्याज, मूंगफली, तरबूज, लहसुन, अजवाइन और अन्य सब्जी वर्गीय फसलों में जिनकी नर्सरी तैयार की जाती है, उन सभी फसलों में इसका उपयोग किया जा सकता है.

इसके प्रयोग से जड़ों में विकास होता है तथा जड़ें अधिक पोषक तत्व लेने में सक्षम हो जाती है अतः फसलों की उपज में वृद्धि होती है.

मिट्टी स्वास्थ्य को रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है.

रासायनिक उर्वरक की बचत के साथ मिट्टी में लाभकारी जीवों की वृद्धि होती है.

माइकोराइजा मिट्टी से फास्फोरस की उप्लब्धता को 60-80 % तक बढ़ाता है. जमीन की भौतिक एवं रासायनिक दशा/Physical and Chemical Conditions में सुधार होना.

इन्हे आसानी से गुणन (Multiplication) किया जा सकता है जिससे एक बार ही खरीदने की आवश्यकता पड़ती है.

माइकोराइजा के उपयोग से जड़ों का बेहतर विकास होता है.

माइकोराइजा पौधों के द्वारा जल के अवशोषण की क्रिया दर को बढ़ाकर पौधे को सूखे के प्रति सहनशीलता बढ़ाता है. जिससे यह पौधों को हरा भरा रखने में मदद मिलती है.

माइकोराइजा फसलों को मिट्टी से होने वाले कई हानिकारक रोगाणुओं से भी बचाता है.

इसके उपयोग से पौधों की चयापचय गतिविधियों को प्रदान करता है जिससे पौध की ट्रांस-प्लांटिंग के बाद मुरझाने को कम करता है और पौधों के प्रत्यारोपण के बाद मृत्यु दर घट जाती है.

इसके इस्तेमाल से उर्वरक और कीटनाशक निर्भरता कम हो जाती है और प्रतिकूल मिट्टी को पुनः प्राप्त करता है.

सूखे और लवणता के खिलाफ पौधे के प्रतिरोध को बढ़ाता है

मिट्टी की गुणवत्ता के साथ साथ मिट्टी के कटाव को भी रोकता है.

माइकोराइजा की उपयोग विधि/Using Method of Mycorrhiza

फसलों की रोपाई से पहले जड़ों को माइकोराइजा 5 मिली प्रति लीटर पानी की दर वाले सोल्यूशंस में मिलाये ताकि जड़ अच्छी तरह से बढ़वार कर सके.

या पाउडर फॉर्म में उपलब्ध उत्पाद की 250 ग्राम मात्रा को 100 से 200 लीटर पानी में मिलाएं और पौध को खेत में लगाने से पहले 2 से 3 घंटे तक डुबाये.

यह Bee-VAM या आईपीएल प्रीमियम वाम शक्ति उत्पाद के रूप में जाना जाता है. जिसे आसानी से पानी में घोला जा सकता है. इसमें माइकोराइज़ा की संख्या 1200 आईपी प्रति ग्राम (यानी, 3 लाख आईपी प्रति 250 ग्राम होती है.

इसका 250 ग्राम की मात्रा को 1 से 2 एकड़ खेत में ड्रिप या ड्रेंचिंग या सामान्य सिंचाई के रूप में भी दिया जा सकता है.

एक फसल चक्र में दो बार बुवाई और फूल अवस्था में दिया जा सकता है.

माइकोराइजा के उपयोग करते समय रखे ये सावधानियाँ/Keep these Precautions While Using Mycorrhiza

भंडारण करते समय ठंडी और सूखी जगह पर रखें, सीधे धूप से दूर स्टोर करें.

उत्पाद के इस्तेमाल के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद रासायनिक कवकनाशी और खरपतवार का उपयोग न करें.

इसका उपयोग 2 साल के भीतर कर लेना चाहिए या मल्टीप्लाई कर लेना चाहिए, ताकि सूक्ष्म जीवों की क्रियाशीलता बनी रहे.

English Summary: Know the uses and benefits of Mycorrhiza in crops
Published on: 23 June 2021, 01:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now