नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 27 October, 2020 11:54 AM IST
Potato Cultivation

यह समय आलू की खेती (A​​​​alu Ki Kheti) के लिए  उपयुक्त है, क्योंकि इसकी खती के लिए छोटे दिनों की अवस्था की आवश्यकता होती है. हमारे देश के किसी-किसी भाग में सालभर आलू की खेती की जाती है, तो आइए आज किसान भाईयों को आलू की उन्नत किस्मों (Advanced Varieties of Potatoes) की जानकारी देते हैं, ताकि वह आलू की खेती (Potato Cultivation) से बंपर पैदावार हासिल कर सकें. 

केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला द्वारा कई किस्में विकसित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं. 

आलू की उन्नत किस्में (Advanced Varieties of Potatoes)

कुफरी अलंकार (Kufri Alankaar)

इस किस्म से मात्र 70 दिन में फसल तैयार हो जाती है, लेकिन यह किस्म पछेती अंगमारी रोग के लिए कुछ हद तक प्रतिरोधी है. इसकी बुवाई से प्रति हेक्टेयर लगभग 200 से 250 क्विंटल पैदावार प्राप्त की जा सकती है.  

कुफरी चंद्र मुखी (Kufri Chandramukhi)

इस किस्म से मात्र 80 से 90 दिन में फसल  होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 200 से 250 क्विंटल तक पैदावार हासिल हो सकती है. 

कुफरी नवताल जी 2524 (Kufri Navtal Ji 2524)

आलू की इस किस्म की बुवाई से मात्र 75 से 85 दिन  में फसल तैयार हो जाती है. इस किस्म से भी प्रति हेक्टेयर लगभग 200 से 250 क्विंटल पैदावार मिल जाती है.  

कुफरी बहार 3792 ई (Kufri Bahar 3792 E)

इस किस्म की बुवाई से  फसल मात्र  90 से 110 दिन में तैयार होती है. बता दें कि अगर गर्मियों में इस किस्म की बुवाई की जाए, तो यह 100 से 135 दिन में फसल तैयार कर देती है.  

कुफरी शील मान (Kufri Sheel Mann)

आलू की इस किस्म से मात्र 100 से 130 दिन में फसल तैयार हो सकती है, जिससे  प्रति हेक्टेयर लगभग 250 क्विंटल पैदावार प्राप्त हो सकती है. 

कुफरी ज्योति (Kufri Jyoti)

इस किस्म से मात्र 80 से 150 दिन  में फसल तैयार होती है, जो कि प्रति हेक्टेयर लगभग 150 से 250 क्विंटल पैदावार दे सकती है. 

कुफरी सिंदूरी (Kufri Sindoori)

इस किस्म से आलू की फसल 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है और 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है.

कुफरी बादशाह (Kufri Badshah)

आलू की इस किस्म से मात्र 100 से 130 दिन में फसल तैयार हो सकती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 275 क्विंटल पैदवारा मिल सकती है. 

कुफरी देवा (Kufri Deva)

इस किस्म से मात्र 120 से 125 दिन में फसल तैयार हो सकती है और प्रति हेक्टेयर लगभग 300 से 400 क्विंटल पैदावार दे सकती है.   

आलू की संकर किस्में (Hybrid Varieties of Potatoes)

1) कुफरी जवाहर जेएच 222 (Kufri Jawahar JH 222)

इस किस्म से आलू की फसल मात्र 90 से 110 दिन में तैयार हो सकती है. यह एक अगेता झुलसा और फोम रोग प्रतिरोधी किस्म है, जो कि प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 300 क्विंटल पैदावार देने की क्षमता रखती है.  

2) ई 4486 (E 4486)

आलू की इस किस्म की बुवाई मात्र 135 दिन में फसल तैयार होती है. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 300 क्विंटल तक पैदावार हालिस कर सकते हैं. बता दें कि यह किस्म की बुवाई हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश के किसानों के लिए काफी उपयुक्त मानी जाती है.  

आलू की नई किस्में  (New Varieties of Potatoes)

उपयुक्त किस्मों के अलावा आलू की कई और नई  किस्में भी हैं, जिनमें कुफरी गिरिराज, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी चिप्सोना-2 और कुफरी आनंद किस्म शामिल हैं. इनकी बुवाई से भी आलू की अच्छी पैदावार हासिल हो सकती है. 

English Summary: Information on new varieties of potatoes
Published on: 27 October 2020, 12:00 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now