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Updated on: 28 October, 2023 4:09 PM IST
कृषि जागरण वेबिनार में डॉ . हेनरी

27 अक्टूबर, 2023 को कृषि जागरण द्वारा आयोजित एक लाइव फेसबुक वेबिनार के दौरान केवीके लुंगलेई, मिजोरम के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. हेनरी सप्लायरिनलियाना ने बताया कि मिजोरम में केवीके किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं और उन्हें लंबे समय तक उत्पादों को सावधानीपूर्वक उनको व्यवस्थित रूप से संग्रह करने में मदद कर रहे हैं.भारत के पूर्वोत्तर राज्य, मिजोरम और इससे जुड़े हुए क्षेत्रों ने खेती को एक नया आयाम दिया है.

मिजोरम की खेती के तरीकों, किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों, कृषि विज्ञान केंद्र-लुंगलेई द्वारा प्रदान किए गए महत्वपूर्ण समर्थन और खेती से लाभ कमाते हुए, केवीके लुंगलेई, मिजोरम के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. हेनरी सपलालरिनलियाना ने लाइव फेसबुक वेबिनार के माध्यम से अपने विचार साझा किए.

मिज़ोरम में कृषि पद्धतियां से बढ़ा रही किसानों की आय

मिजोरम, जो वन-आधारित कृषि पर जोर देने के लिए प्रसिद्ध है, इस क्षेत्र में सबसे युवा भूवैज्ञानिक इकाई के रूप में खड़ा है, जिसकी विशेषता इसकी नवगठित, उपजाऊ मिट्टी है. इस अनूठे वातावरण ने एक ऐसी कृषि को आकार दिया है जो पूरी तरह से नई है. जिसमें देश के अन्य हिस्सों की तुलना में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बहुत ही कम मात्रा में होता है, जिसका मुख्य कारण उनकी सीमित उपलब्धता है. विशेष रूप से, मिजोरम की 50 से 60 प्रतिशत कृषि स्थानांतरित खेती की सदियों पुरानी प्रथा पर निर्भर है, जिसे स्थानीय रूप से 'झूम' के नाम से जाना जाता है.

पशु पालन और फलों की खेती

मिज़ोरम स्थिर खेती पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें मजबूत वृक्षारोपण के साथ-साथ केले और अनानास जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों सहित विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की जाती है. राज्य का कृषि परिदृश्य सुअर पालन और मुर्गी पालन क्षेत्रों में भी फलता-फूलता है. मिजोरम ने गार्डन कॉलोनी परियोजना, नई भूमि उपयोग नीति (एनएलयूपी), और सामाजिक-आर्थिक विकास नीति (एसईडीपी) जैसी कई प्रमुख पहलों के साथ अपने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

मिज़ोरम के किसानों के सामने चुनौतियां

मिजोरम में, कृषि प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में बीजली एक महत्वपूर्ण बाधा का सामना करना पड़ता है. डॉ. हेनरी के अनुसार, राज्य की सीमित जगह और बंजर भूमि के एक बड़े हिस्से को देखते हुए, इन चुनौतियों से निपटना जरूरी है. मिजोरम सरकार ने अंडे सेने वाली इकाइयों जैसे नवीन समाधान पेश करते हुए सक्रिय कदम उठाए हैं. इसके अलावा, जल संचयन प्रणाली जैसी सीधी लेकिन अमूल्य प्रौद्योगिकियां इस क्षेत्र में सहायक साबित हुई हैं.

केवीके लुंगलेई मिजोरम के किसानों की कैसे मदद करता है

लुंगलेई में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल किसानों को अत्याधुनिक तकनीकों से परिचित कराता है, इसके साथ ही केवीके किसानों से उनके विचारों को भी सुनता और सही दिशा में उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करता है. कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अमूल्य मध्यस्थों के रूप में कार्य करते हैं, जो राज्य सरकारों, संबंधित विभागों, साथ ही विभिन्न संघों और समाजों के लिए किसानों की जरूरतों की वकालत करते हैं. यह मानते हुए कि किसानों को अपनी सटीक आवश्यकताओं को स्पष्ट करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, केवीके टीमें क्षेत्र का दौरा करती हैं.

मिजोरम में सफल कृषि

मिजोरम में सफल खेती में विभिन्न प्रकार की फसलें शामिल हैं, जिनमें अदरक, अनानास, बर्ड्स आई मिर्च और केला शामिल हैं . ये फसलें क्षेत्र के अनुकूल कृषि वातावरण में पनपती हैं, जो राज्य की कृषि समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.

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लाभदायक खेती कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?

पूंजी तक पहुंच सुनिश्चित करना, फसल के अद्वितीय गुणों को प्रदर्शित करने के लिए प्रभावी विपणन रणनीतियों को लागू करना, भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और कटाई के बाद उन्नत प्रौद्योगिकियों को नियोजित खेती से लाभ की गारंटी को सुनिश्चित करता है.

English Summary: In Mizoram, with the help of KVK farmers are doing advanced farming and earning huge profits agricultural scientist dr. henry supplyliniana told the whole thing
Published on: 28 October 2023, 04:17 PM IST

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