वर्तमान समय में शहरों का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है. जिस वजह से अर्बन फार्मिंग (Urban Farming) का ट्रेंड भी काफी बढ़ रहा है. अब तो लोग घर की छत, कार पार्किंग या फिर जहां आस-पास खाली जगह मिलती है वहां फल -सब्जियों की खेती कर रहें हैं.
यह खेती एक खास तकनीक द्वारा संभव हो सकती है. जिसमें सिर्फ 200 वर्ग फुट जगह पर आसानी से फल - सब्जियां उगा सकते हैं. इस तकनीक की मदद से आप लगभग 1 लाख रुपए का वन टाइम निवेश (One Time Investment) से सालाना 2 लाख रुपए तक की फल-सब्जियां घर बैठे उगा सकते हैं.
बिना मिट्टी के होगी खेती
अगर आप इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते है तो इसके लिए आपको किसी भी प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस तकनीक द्वारा पौधों को देने वाले जरूरी पोषक तत्वों को पानी की सहायता से सीधे पौधों की जड़ों (Plant Roots) तक पहुंचाया जाता है. इस आधुनिक तकनीक को अंग्रेजी भाषा में 'हाइड्रोपोनिक' (Hydroponic) का नाम दिया गया है.
इसमें पौधे को एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगाया जाता हैं और पाइप के अंदर पौधों की जड़ों को पोषक तत्वों से भरे पानी में रख दिया जाता है. इस हाइड्रोपोनिक तकनीक को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. आप इस सिस्टम को खुद भी तैयार कर सकते हैं.
क्या है इस तकनीक का फायदा
इस तकनीक द्वारा किसान ऐसी फल-सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं जिसकी मार्केट में कीमत (Market Price) ज्यादा होता है. इस तकनीक में पानी, फर्टिलाइजर और कीटनाशक की खपत भी लगभग 50 से 80 फीसद तक कम हो जाती है.
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पैदावार में होती है बढ़ोतरी
इस तकनीक द्वारा पैदावार में 3 से 5 गुना तक वृद्धि होती है. इसमें शुरुआत में खर्च थोड़ा ज्यादा होता है. हालांकि बाद में इसकी लागत कम होने से मुनाफे में बढ़ोतरी होती है.
ज्यादातर देशों में लोग अपने घरों की छत, मॉल, यहां तक की ऑफिस की छतों पर भी टेरेस गार्डन (Terrace Garden) बना रहे हैं. आप भी इस हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic Technique) को सीख कर अपनी कंपनी स्थापित कर सकते हैं या फिर किसी स्थापित कंपनी (Established Company) के साथ जुड़ कर दूसरे लोगों को इस तकनीक के बारे में ट्रेनिंग दे सकते हैं.
इसके लिए किसानों को पॉलिहाउस (Polyhouse) या नेट शेड (Net Shed) पर ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है. इस सिस्टम का खर्च वन टाइम है लेकिन शेड के रखरखाव का खर्च लागत को बढ़ा सकता है.
आपका खेत जितना ज्यादा बड़ा होगा आपका खर्च भी उतना ज्यादा ही आएगा. फसल पर तापमान, कीट जैसी कई बातों का भी प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में फसल की उपज के लिए खेती की थोड़ी जानकारी और उस हिसाब से पौधों की देखभाल और बदलाव की आवश्यकता पड़ती हैं.
क्यों है ये परंपरागत खेती से ज्यादा फायदेमंद
इसका रिटर्न इस बात पर निर्भर होता है कि आप जो फसल उगा रहे हैं उसकी गुणवत्ता और बाजार में उसकी कीमत क्या है. उसकी बेहतर कीमत जानने के लिए थोड़ी मार्केटिंग स्किल्स भी होना जरूरी है. इस हाइड्रोपोनिक तकनीक में परंपरागत खेती के मुकाबले फायदा और मार्जिन ज्यादा है.