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Updated on: 27 October, 2020 12:14 PM IST
Potato Farming in India

आलू की फसल को उगने में 10-15 दिन का समय लगता है तथा पंक्तियों के बीच अधिक पानी और खाद होने की वजह से अधिक खरपतवार उगने की संभावना बढ़ जाती है. आलू की अधिक उपज लेने के लिए आवश्यक है कि फसल को शुरू से ही खरपतवार मुक्त रखा जाये.

आलू में खरपतवार से फसल को बढ़वार में काफी कमी पाई गई है. ये खरपतवार आलू की फसल के बीच में उगकर मिट्टी से पोषक तत्व ही नहीं अपितु पानी और जगह के लिए भी प्रतिस्पर्धा कर उपज में भारी कमी करते है.

इन खरपतवारों में कीट व रोगों के रोगाणु भी शरण लेते है और फसल में भी फैल जाते है. मिट्टी में बहुत अधिक नमी होने के कारण भी आलू की फसल में बुवाई के बाद खरपतवार बहुत अधिक मात्रा में उगने लगते हैं.

सभी प्रकार (संकरी और चौड़ी पत्ती) के खरपतवारों का नियंत्रण समय पर एवं उचित खरपतवारनाशी का उपयोग करके किया जा सकता है- 

खरपतवार को कैसे रोकें (How to stop weeds)

रासायनिक विधि द्वारा रसायनों का उपयोग करके खरपतवारों का नियंत्रण किया जा सकता है. इन रसायनों का उपयोग समय समय पर करने से बहुत अच्छी तरह खरपतवारों पर नियंत्रण किया जा सकता है. इसके लिए बुआई के 1 से 3 दिन बाद खरपतवारों के रासायनिक नियंत्रण के लिए पेंडामेथलिन 38.7% CS @ 700 मिली प्रति एकड़ क्षेत्र में 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

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इस प्रकार छिड़काव करने से बुवाई के बाद शुरुआती अवस्था में उगने वाले खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है. यदि फसल में बुवाई के 3-4 दिन बाद या पौधा की ऊंचाई 5 से.मी. होने से पहले भी खरपतवार नजर आए तो मेट्रीब्युजिन 70% WP नाम की खरपतवारनाशी की 100 ग्राम मात्र प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. उपरोक्त बताई गई खरपतवारनाशक के छिड़काव के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना बहुत आवश्यक है. ऐसा न करने पर खरपतवारनाशक का असर नहीं हों पाता है.  

English Summary: How to weed management in early stage of potato
Published on: 27 October 2020, 12:18 PM IST

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