टिकाऊ खेती के लिए पशुपालन एक महत्त्वपूर्ण घटक है|पशुपालन किसानों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है|इससे प्राप्त गोबर व अवशिष्ट पदार्थ से खाद तैयार करना तथा यह खाद फसलों व पेड़ों में देना, केंचुआ खाद में गोबर का प्रयोग करना आदि ऐसे आयाम है जिसके द्वारा एक घटक दूसरे घटक के पूरक हो सकता है| इसके द्वारा दूध, छाछ, घी आदि तो प्राप्त होते ही है इसके अलावा पौधों और उनके न सिर्फ कई तरह के उत्पाद मिलते हैं बल्कि वे जमीन को उपजाऊ बनाने के लिये पर्याप्त मात्रा में गोबर और मूत्र भी उपलब्ध कराते हैं. पशुपालन में पशुआहार पर कुल लागत का लगभग 60-70 % खर्च होता है। इसीलिए पशुपालन की सफलता या असफलता पशु आहार पर किए गए खर्च पर निर्भर है। पशुओं को संतुलित आहार प्रदान कर पशुओं के स्वस्थ को ठीक रखा जा सकता हैं तथा अधिक दूध उत्पादन लिया जा सकता हैं।
संतुलितपशु आहार क्या है (What is a balanced animal diet)
संतुलित आहार वह भोजन होता है जिसमें प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज एवं विटामिन्स की उचित मात्रा एवं सही अनुपात होता है।पशु को जो आहार खिलाया जाता है उसमें जरुरत के अनुसार शुष्क पदार्थ, पाचक प्रोटीन व कुल पाचक तत्त्व उपलब्ध हो सके यानि संतुलित आहार में विभिन्न प्रकार का हरा चारा, आनाज, खल, चोकर, मिनरल मिक्सर तथा नमक की मात्रा के साथ सूखे चारे का प्रयोग किया जाता है।संतुलित आहार द्वारा पशुओं के शारीरिक विकास, प्रजनन तथा दूध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है|अच्छा पशु आहार वह माना जाता है जो सस्ता, रुचिकर,पेट भरने वाला, आसानी से पचने वाला हो. पशु को प्रतिदिन 2.5 से 3.0 किलोग्राम प्रति 100 किलोग्राम शरीर भार के अनुसार आहार देना चाहिए|असंतुलित आहार पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता पर विपरीत प्रभाव करता है एवं इससे उत्पादन लागत भी बढ़ती है.
संतुलित पशु आहार का महत्व(Importance of balanced animal diet)
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शरीर में तेजी से वृद्धि और पशु परिपक्वता लाता है|
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संतुलित आहार से क्षमता के अनुरूप उत्पादनहोता है|
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संतुलित आहार से पशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|
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संतुलित आहार से दैनिक आय में वृद्धि एवं प्रजनन क्षमता में सुधार व ब्यांत अन्तराल में कमी आती है|
असंतुलित आहार से होने वाली हानियाँ (Disadvantages of unbalanced diet)
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कम दुग्ध उत्पादन एवं प्रजनन क्षमता का होना|
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पशु में छोटे दुग्धकाल एवं अधिक ब्यांत अन्तरालका होना|
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प्रथम ब्यांत के लिए अधिक समय लगना।
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पशु की आनुवांशिकी क्षमता से कम उत्पादन देना|
संतुलित पशु आहार की मात्रा (Amountof balanced animal diet)
पशुओं के पोषक आहार में अनाज जिनमें बाजरा/ ज्वार/ मक्का/ गेहूं/ जौं या धान होता है, की 30-40 % मात्रा, खल (सोयाबीन/ कपास/ मूँगफली/ तिल/ सरसों) की 20-30% मात्रा चूरी (अरहर/ चना/ मूंग/ उड़द) की 15-20% मात्रा, गेहूं या जौं का चोकर या चावल का छिलका की 20-25% मात्रा, खनिज लवण (मिनरल मिक्सचर) की 1-2% और आयोडिन नमक की 1% मात्रा होनी चाहिए.
संतुलित आहार के उदाहरण (Examples of a balanced diet)
पहला उदाहरण: इसमें मक्का/ जौं/ जई की 40 किलो मात्रा, कपास की खल 16 किलो, मूँगफली की खल 16 किलो, गेहूं का चोकर 25 किलो, मिनरल मिक्सचर 2 किलो और नमक 1 किलो से 100 किलो संतुलित आहार बनाया जा सकता है|
दूसरा उदाहरण:इसमें मक्का/ जौं की 40 किलो मात्रा, मूँगफली की खल 20 किलो,दालों की चुरी 17 किलो, चावल की पोलिश 20 किलो,मिनरल मिक्सचर 2 किलो और नमक 1 किलो से 100 किलो संतुलित आहार बनाया जा सकता है|
तीसरा उदाहरण:इसमें जौं की 30 किलो मात्रा,सरसों की खल 25 किलो,कपास की खल 22 किलो, गेहूं की चोकर 20 किलो,मिनरल मिक्सचर 2 किलो और नमक 1 किलो से 100 किलो संतुलित आहार बनाया जा सकता है|
चौथा उदाहरण:इसमें गेहूंकी 32 किलो मात्रा, सरसों की खल 10 किलो, मूँगफली की खल 10 किलो,कपास की खल 10 किलो, दालों की चुरी 10 किलो,गेहूं/ जौं का चौकर 25 किलो,मिनरल मिक्सचर 2 किलो और नमक 1 किलो से 100 किलो संतुलित आहार बनाया जा सकता है|
पशु को संतुलित पोषक आहार कितना खिलाएं (How much to feed a balanced nutritious diet for animal)
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बछड़े-बछड़ियों को 1-1.5 किलो संतुलित आहार प्रतिदिन देना चाहिए|
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ब्याने वाले गायों या भैंसों को 1 किलो पशु आहार तथा 1 किलो अच्छी गुणवत्ता की खली गर्भ अवस्था के अन्तिम दो महीनों में अतिरिक्त देना चाहिए|
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दुधारू पशु को स्वस्थ्य रखने के लिए 2 किलो पशु आहार और प्रतिदिन दूध उत्पादन के लिए गाय को 400 ग्राम और भैंस को 500 ग्राम संतुलित पशु आहार खिलना चाहिए|
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खेतों में काम करने वाले बैलों के लिए0 से 2.5 किलो प्रतिदिन पशु आहार की व्यवस्था करनी चाहिए|
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बिना काम करने वाले बैलों के लिए 1 किलो प्रतिदिन पशु आहार की व्यवस्था करनी चाहिए|