किसानों के लिए टिड्डी दल का संकट खत्म नहीं हुआ कि अब सफेद मक्खी कपास उत्पादकों की दुश्मन बनी हुई है. इसके अलावा उकासा नाम की बीमारी भी कपास को अपनी चपेट में ले रही है. किसानों के खेतों में खड़ी कपास की फसल को ये बीमारियां बहुत नुकसान पहुंचा रही हैं. हरियाणा राज्य के रोहतक जिले की बात करें, तो यहां लगभग 3000 हेक्टयर में से भी अधिक में कपास की फसल खराब हो चुकी है. इसमें कलानौर और महम क्षेत्रों के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. किसानों का कहना है कि पहले फसलों को टिड्डी दल ने बर्बाद कर दिया और अब यह नया संकट सामने खड़ा हो हया है. बताया जा रहा है कि कई किसानों की तो 80 प्रतिशत तक फसल खराब हो चुकी है.
कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप
कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप लगतार देखने को मिल रहा है. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को जागरुक किया जा रहा है, तो वहीं कीटनाशक का प्रयोग करने की सलाह भी दी जा रही है. बताया जा रहा है कि किसान कपास की फसल में पहला छिडक़ाव नीम आधारित कीटनाशक जैसे निम्बीसीडीन 300 पीपीएम या अचूक 1500 पीपीएम की 1.0 लीटर मात्रा को 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिडक़ दें. इसके अलावा जिन किसानों ने फसल में नीम आधारित कीटनाशकों का छिड़काव कर दिया है फिर भी फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप दिखाई दे रहा है, वह किसान अब फसल में 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से फ्लोनिकामिड उलाला नामक दवा का छिडक़ाव करें. इससे सफेद मक्खी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
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कपास में बीमारी को लेकर अलर्ट
कृषि विभाग ने कपास की फसल में लगने वाली बीमारियों को लेकर अलर्ट जारी किया है कि इसके प्रति हर किसान को जागरुक होने की आवश्य़कता है. इसके अलावा कपास में लगने वाली इन बीमारी से प्रभावित किसानों ने स्पेशल गिरदावरी करा मुआवजे की मांग की है..
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