मध्य प्रदेश समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय मावठा गिर रहा है जो कि फसलों के लिए काफी नुकसानदायक है. बता दें कि इस समय खेतों में रबी सीजन की प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, चना,मटर, मसूर के अलावा प्याज और लहसुन भी है. ऐसे में उद्यानिकी विभाग ने मावठ से अपनी फसल को बचाने के लिए किसानों को कुछ सावधानियां रखने के लिए कहा है ताकि किसान अपनी फसल को बचा सकें. तो आइए जानते हैं मावठ से कैसे अपनी फसल की सुरक्षा करें….
सल्फर पाउडर का बुरकाव
दरअसल, इंदौर स्थित उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने किसानों को इस असामयिक बारिश से अपनी फसल की रक्षा के लिए कुछ सावधानियां बरतने के लिए कहा है. इस समय कई फसलें ऐसी है जिसमें फूल आने हैं. इन फसलों को मावठ से सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है. यही वजह है कि विभाग ने किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. विभाग के उप संचालक टी.सी. वास्केल ने बताया कि मावठा एक तरह असामयिक बारिश है फसल के लिए नुकसानदायक है. इसलिए खेतों में पानी की निकासी के लिए उपयुक्त व्यवस्था करें. इसके लिए अपने खेत में नाली का निर्माण करें ताकि पानी अंदर खेत में न रुके और फसल ख़राब होने से बच जाए.
थायो यूरिया का छिड़काव करें
उन्होंने आगे बताया कि फसल को तरोताजा रखने और किसी तरह के रोग से बचाव के लिए मावठ के बाद थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा लें. इसे 1 हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें. साथ ही विभाग अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि खेतों में सल्फर पाउडर का बुरकाव करें. एक एकड़ में 10 किलो सल्फर का बुरकाव फायदेमंद होता है.
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पाले से कैसे करें बचाव
वही पाले से अपनी फसल को बचाने के लिए मावठके बाद सल्फर को तीन लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. वही कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि रात में तीसरे और चौथे पहर में खेतों की मेड़ों पर घास या अन्य खरपतवार जलाएं.