Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 9 February, 2022 3:32 AM IST
Agricultuture

आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन हर महीने किया जा सकता है. आलू को किसी भी सब्जी के साथ बनाया जा सकता है. आलू की खपत हर घर में हर महीने होती है. इसकी बढ़ती खपत की वजह से इसकी पैदावार भी अधिक होती है. आलू की खेती (Farming Of Potato) लगभग देश के हर क्षेत्र में की जाती है.

आलू की खेती से अधिक मुनाफा पाने के लिए जरुरी है कि इसकी  खेती करने की सही प्रक्रिया अपनाई जाए. अगर खेती की प्रक्रिया सही ढंग से हो, तो आलू से ज्यादा पैदावार और मुनाफा मिल सकता है. आलू की खेती की प्रक्रिया की बात करें, तो इसमें आलू की बुवाई, सिंचाई, रोपाई आदि है. यहाँ हम आपको आलू की बुवाई (Potato Planting) की समस्त जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आप आलू से अच्छी पैदावारा प्राप्त कर सकते हैं. तो चलिए आलू की बुवाई प्रक्रिया के बारे में जानते हैं.

मिटटी की जाँच (Soil Test)

आलू की बुवाई करते समय सबसे पहले हमे मिटटी की स्तिथि को देखना होगा. क्षारीय मिटटी के अलावा आलू की खेती हर प्रकार की मिटटी में की जा सकती है. वहीं मिटटी का P H मान 5.2 से 6.5 के बीच होना चाहिए.

इसे पढ़ें - आलू की बंपर पैदावार के लिए इन किस्मों की करें बुवाई, ये है बिल्कुल सही समय

बुवाई का समय (Time Of Sowing Seeds)

आलू एक रबी की फसल है. यानि ये शीतोष्ण ऋतु में बोयी एवं उगाई जाने वाली फसल मानी जाती है. ये ऋतु भारत में मुख्य रूप से अक्टूबर से मार्च तक रहती है, लेकिन किसी – किसी राज्य में ये अंतराल कम ज्यादा हो सकता है.

आलू के बीजों का सही चयन (Choosing The Right Potato Seeds)

आलू की अच्छी बुवाई के लिए बीजों का सही चयन करें. सबसे पहले बीजों को हमेशा सही जगह से खरीदें.

आलू की बुवाई विधि (Potato Sowing Method)

  • आलू की बुवाई के लिए कतारों और पौधो की दूरी में संतुलन होना चाहिए.

  • पौधों से पौधों की दूरी 20 से 25 से.मी.

  • पंक्तियों से पंक्तियों की दूरी मे 50 से.मी. रखनी चाहिए.

  • बुवाई के दौरान मिटटी को समतल रखना चाहिए.

  • मिटटी में बीजों को बोने के बाद ऊपर से मिटटी से ढक देना चहिये.

  • खेत में 60 सेंटीमीटर पर लाइन बना ली जाती है और इन बनी हुई लाइन पर 5 सेंटीमीटर का गढ्ढा बनाकर आलू के कंद को 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई की जाती है.

  • कुदाल या अन्य मशीनों से मेड़ बनाकर उस पर उचित दूरी और गहराई पर आलू की बीज को लगा सकते हैं.

English Summary: for good yield of potatoes, sow in this way, read full details to know
Published on: 09 February 2022, 05:07 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now