Black Guava Farming: हिमाचल प्रदेश में काले अमरूद की खेती को लेकर एक उम्मीद जगी है. यहाँ किसानों ने पहली बार काले अमरूद को उगाया है. कोलर के हितेष ने यूपी की सहारनपुर की नर्सरी से काले अमरूद के पौधे लाकर अपने खेतों में लगाये जिन पर अब फल आने लगे हैं.
आपको बता दें कि काला अमरूद एक नई किस्म है, जिसे बिहार कृषि विश्वविद्यालय BAU द्वारा तैयार किया गया था. अमरूद की यह किस्म पूरी तरह से काले रंग की है. इस काले रंग के अमरूद (Black Guava) की पत्तियां भी महरूम रंग की होती हैं, जोकि बेहद ही खूबसूरत नजर आती हैं. इसके अलावा अमरूद का बाहरी हिस्सा काला है जबकि अन्दर से अमरूद का गूदा गहरे लाल रंग का है. जिले में उगने वाली अमरूद की इस अनोखी किस्म ने लोगों अपनी तरफ आकर्षित किया है. किसानों का कहना है कि आम अमरूद की तुलना में ये अमरूद अधिक पसंद किया जा रहा है जबकि बाजार में इसकी मांग भी अधिक है.
स्वाद के साथ गुणकारी है काला अमरूद
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार,Black Guava के अन्दर एंटी-एजिंग फैक्टर और रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है, जोकि सामान्य फलों की तुलना में कही ज्यादा है, इसलिए लोग इसे अधिक पसंद कर रहे हैं.इसके साथ ही इस अमरूद की खेती करने वाले किसानों के लिए भी यह आर्थिक रूप से लाभदायक फल साबित हो सकता है. आपको बता दें कि काले अमरूद की इस ख़ास किस्म में एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स और विटामिन जैसे तत्व अधिक है, जिसके कारण भविष्य में इसका सेवन बढ़ने की अधिक संभावनाएं हैं.
हिमाचल के जिला सिरमौर में पड़ने वाले कोलर गांव में एक किसान ने ये पहल की है, जिससे अब हिमाचल में काले अमरूद को उगाने के लिए संभावनाएं रही है. कोलर के हितेश ने बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले इस अमरूद के पौधे लगाये थे जोकि अब फल देने लगे हैं. खेती एक अमरूद औसतन सौ-सौ ग्राम के आसपास का है, जिसकोलेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर अनोखे अमरूद की फोटो भी शेयर की है.
काले अमरूद से किसान के लिए अधिक संभावनाएं
सिरमौर के जिला उद्यान विभाग उपनिदेशक सतीश शर्मा ने बताया कि विभाग के निदेशक डॉ आरके परुथी प्रदेश के लिए फ्रूट हब बनाने के लिए दिन रात कार्यरत है. इसी कड़ी में किसानों को अलग तरह के फलों की किस्मों की तरफ ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काले अमरूद की खेती में अपार संभावनाएं हैं, जल्द ही इस फल को लेकर भी उत्पादन को व्यवासायिक रूप देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा. इस फल की खेती से किसान खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकेंगे.
हिमाचल की मिट्टी और जलवायु अनुकूल
विशेषज्ञों की मानें, तो इस अमरूद की खेती भी सामान्य तरीके से की जाती है. यहाँ की मिट्टी और जलवायु इस फल के लिए अति उपयुक्त है. इस अमरूद के व्यवसायिक इस्तेमाल होने से मांग बढ़ेगी. भविष्य में हरे अमरूद की तुलना में इसका व्यवसायिक मूल्य ज्यादा होगा, जिससे किसानों को कम मेहनत में अधिक फायदा मिल सकेगा.
जानें क्या हैं काले अमरूदे के गुण?
काले अमरूद में साधारण अमरूद की तुलना में पोषक तत्व 10 से 20 प्रतिशत अधिक है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स की मात्रा भी कही ज्यादा है. इसके अलावा यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे घातक बीमारियाँ शरीर से दूर रहेंगी. इतना ही नहीं यह कोरोना से भी बचाने में सक्षम है,क्योंकि इस फल को खाने से शरीर में इम्यूनिटी तेजी से बढ़ती है. इस फल का लगातार सेवन करने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगा या कहा जाये, तो काला अमरूद बुढ़ापे को रोक देता है.