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Updated on: 18 November, 2022 12:03 PM IST
सफेदा बनाएगा धनवान

किसान के बीच यूकेलिप्टस की खेती (Eucalyptus Cultivation) का चलन बढ़ गया है. इसकी 300 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं. इसकी खेती व्यापारिक इस्तेमाल के लिए की जाती है. यह कम समय में तेजी से फैलता है. इसकी लकड़ी का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, फर्नीचर बनाने में होता है. अच्छी बात यह है कि इसका पौधा कहीं पर भी उगाया जा सकता है. खेत के किनारे भागों में भी इसे उगा कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं. इसे सफेदा भी कहा जाता है. इसकी खेती मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तमिलानाडु, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तरप्रदेश में की जाती है. आईए इस लेख में जानते हैं कि किसान भाई कैसे यूकेलिप्टिस की खेती (Eucalyptus Farming) कर कमाई कर सकते हैं.

यूकेलिप्टस की खेती (Eucalyptus Crop) के लिए किसी विशेष जलवायु की जरुरत नहीं होती. यह गर्मी, बारिश, ठंड में विकसित हो जाता है, हालांकि इसे पाले से बचाना पड़ता है.

इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी उपयुक्त होती है, लेकिन मिट्टी क्षारीय नहीं होना चाहिए. मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.

यूकेलिप्टस के पेड़ों (Eucalyptus Trees) की ऊंचाई 30 से 90 मीटर तक हो सकती है. सेंचुरियन और कोस्ट रेडवुड इसकी उन्नत प्रजातियां हैं, जो सबसे ज्यादा लंबी होती हैं. भारत में बोई जाने वाली 6 किस्मों में यूकलिप्टस निटेंस, यूकलिप्टस ऑब्लिक्वा, यूकलिप्टस विमिनैलिस, यूकलिप्टस डेलीगेटेंसिस, यूकलिप्टस ग्लोब्युल्स और यूकलिप्टस डायवर्सीकलर शामिल हैं.

इसके पौधों को कम पानी की आवश्यकता होती है. बारिश के मौसम (Monsoon Season) में कम पानी चाहिए होता है. सामान्य मौसम में 50 दिन के अंतराल से पानी की आवश्कता होती है. 

यूकेलिप्टस के पौधों (Eucalyptus Plants) को खरपतवार से बचाना (Weed Protection) जरुरी होता है. बारिश के मौसम में तीन से चार बार गुड़ाई की जरुरत होती है.

बुवाई के पहले तैयार करें खेत

बुवाई के पहले खेत की गहरी जुताई जरुरी होती है. इसके बाद खेत को समतल किया जाता है. पौध रोपाई (Plant Sowing) के लिए पहले गड्ढे किए जाते हैं, रोपाई से पहले गड्डों को सिंचित किया जाता है. ताकि नमी रहे.

पौध की रोपाई का समय

यूकेलिप्टस के पौधे नर्सरी में तैयार किए जाते हैं. फिर उनकी खेत में रोपाई होती है. रोपाई के लिए बारिश का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है. क्योंकि इस दौरान बार-बार सिंचाई की जरुरत नहीं होती. लेकिन अगर गर्मी के मौसम (Summer Weather) में रोपाई कर रहे हैं, तो रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करें. एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी 3 से 5 फीट रखी जाती है.

कितनी लागत-कितना मुनाफा

यूकेलिप्टस कम बजट वाली खेती (Low Budget Farming) है, यानि इसमें आप कम लागत लगाकर अच्छा मुनाफा (Less Investment high Profit) कमा सकते हैं. 1 हेक्टेयर जमीन में 3000 तक पौधे लगाए जा सकते हैं, आप चाहें तो सिर्फ मुड़ेर में भी पौधे लगा सकते हैं. पौधे नर्सरी (Plant Nursery) में 7 से 8 रुपए के मिल जाते हैं. इस तरह 3 हजार पौधे  खरीदने में 20 से 25 हजार का खर्च आता है. इसकी खेती में विशेष खाद की जरुरत नहीं पड़ती, रोग लगने का खतरे भी बहुत कम होता है. यह पेड़ 5 से 7 सालों में पूरी तरह विकसित हो जाता है. 

इसके बाद हर पेड़ से करीब 400 से 500 किलो तक लकड़ी मिलती है. कुल मिलाकर आप 4 से 5 सालों में 60 लाख तक की कमाई कर सकते हो. इसके अलावा नीलगिरी के पत्तों (Nilgiri Leaves) का तेल भी बनता है, जिसे आप दवा कंपनी से संपर्क कर बेच सकते हैं. वहीं किसान भाई यूकेलिप्टस के साथ गन्ना या अन्य फसलों की सहफसली कर मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: Eucalyptus is a long source of income, can earn up to 60 lakhs in 5 years
Published on: 18 November 2022, 12:11 PM IST

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