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Updated on: 19 January, 2022 3:31 PM IST
Garlic Farming in India

ऐसे कई कारण हैं, जिसकी वजह से लहसुन उगाना आपके लिए फायदे (Garlic Farming Business) का सौदा साबित हो सकता है. दरअसल, इसकी मांग हमेशा रहती है और आप साइड इनकम या पार्ट-टाइम नकद कमाने के लिए इस शौक को आसानी से एक लाभदायक छोटे व्यवसाय में बदल सकते हैं. तो आइये जानते हैं लहसुन की खेती (Garlic Farming) से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में.

लहसुन की खेती की विशेषताएं (Features of Garlic Farming)

लहसुन की खेती (Lehsun Ki Kheti) के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता लेकिन इसे आप और भी सीजन में उगा सकते हैं. बता दें कि दोमट भूमि इसकी खेती के लिए अच्छी होती है. लहसुन का प्रयोग चटनी, सब्जी और अचार में किया जाता है. इसमें पेट की बीमारियों, अपच, कान में दर्द, आंखों के विकार, काली खांसी आदि के उपचार के गुण भी हैं.

लहसुन के लिए जलवायु और भूमि की आवश्यकता (Climate and Land Requirement for Garlic)

  • समशीतोष्ण (Temperate) जलवायु लहसुन की खेती के लिए अनुकूल है. हालांकि, बहुत गर्म और बहुत ठंडा मौसम इसकी फसल के लिए अनुकूल नहीं है.

  • Lehsun को समुद्र तल से 1000 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जा सकता है.

  • यदि बढ़ते मौसम के दौरान वर्षा 75 सेमी से अधिक हो तो फसल की वृद्धि अच्छी नहीं होती है.

  • इसके लिए अक्टूबर के महीने में रोपण करने से अधिक उपज मिलती है.

  • मध्यम गहराई वाली जैविक खाद (Organic Fertilizer) के साथ मिश्रित दोमट मिट्टी (Loamy soil) में फसल को अच्छी तरह से उगाया जा सकता है.

  • हल्की मिट्टी, चिकनी मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती है.

लहसुन की किस्में (Garlic Varieties)

  • सूखे मौसम में Lehsun की रोपाई 10×7.5 सेंटीमीटर की दूरी पर की जाती है.

  • पंखुड़ियों या छड़ियों को हटा दिया जाता है और मिट्टी से ढक दिया जाता है.

  • लहसुन में सफेद जामनगर, गोदावरी और श्रेता लहसुन की किस्में लोकप्रिय हैं.

लहसुन में सिंचाई की आवश्यकता (Irrigation in Garlic Cultivation)

लहसुन की खेती (Lehsun ki Kheti) के लिए रोपण के बाद पहली सिंचाई प्रदान की जानी चाहिए. दूसरी सिंचाई उसके 3-4 दिन बाद और अगले 8 से 12 दिनों में मौसम के आधार पर करनी चाहिए. इसके अलावा फसल होने से दो दिन पहले पानी दें.

लहसुन की कटाई और उत्पादन (Garlic Harvesting and Production)

यह फसल बुवाई के साढ़े चार से पांच महीने बाद कटाई के लिए उपयुक्त होती है. जब यह पीला हो जाए तो इसका मतलब है कि यह निकालने के लिए तैयार है. बल्बों को बिक्री के लिए काटा जाता है और साफ किया जाता है और आकार के अनुसार छांटा जाता है और बाजार में भेजा जाता है. लहसुन का उत्पादन मिट्टी की बनावट, उर्वरक और विविधता पर निर्भर करता है.

लहसुन उगाने का क्या है लाभ (What are the Benefits of Growing Garlic)

प्रति एकड़ में बुवाई की अनुमानित लागत 1200 रुपये है. उर्वरक और कीटनाशकों जैसे अन्य आदानों की लागत 8000 रुपये प्रति एकड़ है और साथ ही निराई और गुड़ाई के लिए भी कुछ पैसे लग ही जाते हैं. ऐसे में 1 एकड़ भूमि में लहसुन के उत्पादन की कुल लागत लगभग 27000 रुपये है.

किसान एक एकड़ भूमि से औसतन 32-48 क्विंटल उपज प्राप्त कर सकते हैं. लहसुन का बाजार भाव 5000 रुपये प्रति क्विंटल है. इस तरह 1 एकड़ लहसुन की खेती से किसान करीब 2 लाख रुपये कमा सकते हैं.

English Summary: Earn 2 lakh rupees in a month from the cultivation of garlic, its demand is fast
Published on: 19 January 2022, 03:37 PM IST

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