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Updated on: 7 March, 2022 6:11 PM IST
Tomato Pest Control

टमाटर (Tomato) एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती आमतौर पर हर मौसम में की जाती है. टमाटर की अच्छी उपज के लिए टमाटर के पौधों को रोपते हैं, उनकी देखभाल करते हैं, छंटाई करते हैं, खाद आदि डालते हैं.

मगर इतनी देखभाल और ध्यान के बावजूद भी कभी-कभी टमाटर के पौधे में रोगों (Diseases In Tomato Plant ) का हमला हो जाता है, जिससे फसलों को नुकसान पहुँचता है, इसलिए फसलों की पूर्ण निगरानी एवं उनको कीटों और रोगों से बचाने के लिए आज इस लेख में चर्चा करने जा रहे हैं. इसके साथ ही रोगों पर नियंत्रण के लिए उपायों की चर्चा भी करेंगे.

फफूंद जनित (Fungal)

अक्सर मौसम के बदलाव की वजह से टमाटर की पौध में फफूंद नामक रोग (Fungal Disease In Tomato Seedlings) लग जाते हैं, जिससे फसल बर्बाद हो जाती है. इस तरह के रोग होने पर सबसे पहले पौध की नर्सरी का स्थान बदलें, साथ ही टमाटर फसल की बुवाई के दौरान इसमें कैप्टॉन की 3 ग्राम की मात्रा को थियोफेनेट मिथाइल 45 ग्राम एवं पाइराक्लोस्ट्रोबिन 5 ग्राम को 10 लीटर पानी के घोल तैयार कर फसल पर छिड़काव करें.

इसे पढ़ें- टमाटर की फसल में कीट व रोग प्रबन्धन

फल सड़न (Fruit Rot)

कभी कभी टमाटर की पौध में फल सड़न रोग भी लगने की सम्भावना हो जाती है. ऐसे में फसलों में रोग नियंत्रण के लिए मानसून की वर्षा होने से पहले ही फसल पर साइमोक्जानील-मैन्कोजेब 25 ग्राम को 10 लीटर पानी में मिलकर छिडक़ाव करें. साथ ही जो फलों में सड़न रोग लग जाता है, उनको निकाल कर फेंकें.

जीवाणु धब्बा (Bacterial Stain)

इस तरह के रोग में टमाटर की फसल के पत्तों एवं तनों पर छोटे-छोटे धब्बों पड़ जाते हैं,जो बाद में गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं. इस तरह के रोग से बचाव के लिए टमाटर के बीज को स्ट्रेप्टोसाइक्लीन 1 ग्राम की मात्रा को 10 लीटर पानी में मिलकर घोल तैयार कर 30 मिनट तक उपचारित करें.

English Summary: Diseases and their control in tomato crop
Published on: 07 March 2022, 06:16 PM IST

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