Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 June, 2021 3:04 PM IST
लाख की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा

लाख का उपयोग साज-सज्जा के सामानों के अलावा सौन्दर्य प्रसाधनों, औषधियों और सुगंध उद्योग में निरंतर बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि लाख की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा दिला सकता है. हानिकारक तत्वों के नगण्यता के कारण प्राकृतिक लाख का महत्व और भी बढ़ जाता है.

गौरतलब है कि लाख एक प्राकृतिक राल होता है. यह प्राकृतिक राल लाख के छोटे-छोटे कीटों से प्राप्त होता है. इन कीटों की सूक्ष्म ग्रंथियों और रेजिन्स स्त्राव के जरिए यह राल मिलता है. आज हम इस लेख में आपको शीतकालीन लाख की खेती की पूरी जानकारी दे रहे हैं जिसकी खेती करके किसान अच्छा मोटी कमाई कर सकते हैं.

जून जुलाई में करें कुसुमी लाख की खेती (Cultivate Kusumi lac in June-July)

शीतकालीन कुसुमी लाख की खेती की खेती जून जुलाई महीने में की जाती है. जिसकी कटाई जनवरी-फरवरी महीने में की जाती है. शीतकालीन लाख की खेती को अगहनी लाख की खेती भी कहा जाता है. हालांकि ग्रीष्मकाल में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है.

जिसे जेठवी लाख की खेती के रूप में जाना जाता है. इसकी खेती जनवरी-फरवरी महीने में की जाती है जिसकी कटाई जून-जुलाई महीने में की जाती है.

किन वृक्षों पर होती है कुसुमी लाख (On which trees is Kusumi lac)

कुसुमी लाख की खेती कुसुम के अलावा खैर, बेर तथा सेमियालता पर की जाती है. इसकी खेती के लिए कुसुम वृक्ष की दो प्रजातियां प्रचलित हैं- 

करिया वृक्ष- इस किस्म के वृक्ष का तना और टहनियां भूरे तथा पत्तियां गहरे रंग की होती है.

चरका वृक्ष- यह वृक्ष लाख की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस किस्म के वृक्ष का तना व टहनियां हरे-सफेद एवं पत्तियां पीले रंग की होती है.

कैसे करें वृक्षों कटाई - छटाई (How to prune trees)

लाख का अधिक से अधिक उत्पादन हो इसके लिए वृक्षों का गहरा होना बेहद आवश्यक है. वृक्ष की टहनियां जितनी ज्यादा फैलेगी उस पर लाख का उत्पादन उतना ही ज्यादा होता है.

वृक्षों का आकार और अधिक गहरा हो इसके लिए जब जनवरी-फरवरी माह में फसल कटाई हो जाए इसके बाद वृक्षों की कटाई छंटाई कर देना चाहिए. जिससे वृक्षों को आराम मिल जाता है और जिससे दुश्मन कीटों का प्रकोप भी कम हो जाता है. वहीं इससे लाख बीजों की कमी भी नहीं होती है तथा उत्पादन अधिक होता है. जनवरी-फरवरी महीने में कटाई छंटाई अच्छी मानी जाती है क्योंकि पतझड़ के बाद नई टहनियों और पत्तियों को फुटाव जल्दी होता है.

कीटों को वृक्ष पर कैसे चढ़ाते हैं ?(How to get insects on a tree)

लाख उत्पादन के लिए शिशु लाख कीटों को पोषक वृक्षों पर चढ़ाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को संचारण कहा जाता है. इसके लिए मादा लाख कीट और बीजों को वृक्षों की टहनियों से बण्डल बनाकर टांग दिया जाता है.

लाख की खेती के लिए फसल कटाई (Harvesting for lac cultivation)

अगहनी लाख की फसल कटाई जनवरी-फरवरी महीने में की जाती है. बता दें कि कुसुमी लाख फसल कटाई, वृक्षों की कटाई छटाई और कीट संचारण की प्रक्रिया इसी महीने की जाती है. लाख की अच्छी कटाई के लिए सिकेटियर, कुल्हाड़ी और दावली जैसे औजारों का उपयोग किया जाता है.

English Summary: Cultivate winter lac in June-July, let's know full information
Published on: 11 June 2021, 03:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now