सिर्फ 1.33 लाख में पाएं सुपर सीडर! सरकार दे रही है 1.20 लाख रुपये की सब्सिडी, जानें कैसे करें आवेदन खुद का बिजनेस शुरू करने का सुनहरा मौका! राज्य सरकार दे रही ब्याज पर 8% सब्सिडी, जानें पूरी योजना वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर नई दिल्ली में ‘डायलॉगनेक्स्ट’ सम्मेलन का आयोजन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 24 June, 2020 4:09 PM IST
जैविक खाद बनाना का तरीका

खेतीबाड़ी में ग्रीन घास (सन, ढैंचा) से खाद बनाने का चलन काफी बढ़ गया है. यह एक जैविक खाद होती है, जिससे फसल की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होती है, साथ ही फसल को प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान होती है. देश के कई किसानों ने लॉकडाउन के दौरान खेतों में ढैंचा उगाया है.

इसके बाद खेत में ही ट्रैक्टर चलाकर मथाई कर दिया गया है. किसानों का कहना है कि जब खेतों में मानसून की बारिश का पानी भर जाएगा, तब इसमें वह धान की रोपाई करेंगे. इस तरह फसल का उत्पादन और गुणवत्ता, दोनों बढ़ जाएगी.  बता दें कि कई किसानों ने खाली खेतों में बेहन डालना भी शुरू कर दिया है.

 उगाएं ग्रीन घास (Grow green grass)

आधुनिक दौर में किसान तमाम रासायनिक खादों का उपयोग करते हैं, ताकि उनके खेतों की मिट्टी उपजाऊ बन सके. मगर इस समय अधिकतर किसान अपने खेतों में ग्रीन ग्रास से खाद बना रहे हैं. बता दें कि ग्रीन घास को फसल लेने के पहले 45 दिन तक खेतों में उगाया जाता है. इसके बाद खेत में ही ट्रैक्टर चलाकर मथाई कर पानी भर दिया जाता है. ये पौधे 10 से 12 दिन में पूरी तरह सड़ जाते हैं और खाद के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. यह पूरी तरह ऑर्गेनिक होते हैं. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के खेत उपजाऊ बनता है, साथ ही खेत में उगाई फसल शुगर, कैंसर, नपुंसकता, हृदय रोग, दिमाग की बीमारियों से बचाती है.

ये खबर भी पढ़ें: Agriculture Mobile App: ये 5 मोबाइल ऐप कृषि से जुड़े किसानों के लिए बने पसंदीदा, खेती से जुड़ी हर नई तकनीक की मिलती है पूरी जानकारी !

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए (increase immunity)

यह एक जैविक खाद होती है, जिसके द्वारा फसलों में एनर्जी, जिंक, आयरन, फाइबर, कैल्शियम समेत अन्य जरूरी न्यूट्रीशियन तत्व पाए जाते हैं. इस तरह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. बता दें कि फसलों को यूरिया, डीएपी, पोटाश, सुपरफास्फेट जैसे रासायनिक खाद और कीटनाशक की मदद से उगाने पर कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं, यह भूजल को भी दूषित करते हैं. किसानों का मानना है कि ग्रीन ग्रास की खाद की मदद से तैयार की गई फसल हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करेंगी. इस तरह हम कोरोना वायरस समेत अन्य बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम बन पाएंगे.

English Summary: Cultivate crops by making organic manure of green grass
Published on: 24 June 2020, 04:14 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now