Bamboo Farming: भारतीय बाजारों में बांस की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. बांस से बनी वस्तुएं और उत्पादन को लोग पसंद कर रहे हैं. देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बांस की खेती की जाती है. इस फसल की खेती से कम लागत और कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. बांस की खेती बंजर जमीन में भी आसानी से की जा सकती है. बांस की खास बात यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद लगभग 50 सालों तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.
अगर आप भी कम समय में ज्यादा कमाई करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए बांस की खेती काफी अच्छा विकल्प हो सकता है. आइये जानते हैं बांस की खेती से कमाया जा सकता है तगड़ा मुनाफा.
बांस की खेती का तरीका
वैसे तो पूरे देश में बांस की खेती जाती है लेकिन इसका सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, नगालैंड, उड़ीसा, त्रिपुरा, और उत्तराखंड जैसे राज्यों से होता है. इन सभी राज्यों में मिलने वाली मिट्टी और यहां का जलवायु बांस की खेती के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है. बांस की खेती के लिए आपको इसके हर एक पौधे की दूरी 2.5 मीटर होनी चाहिए और लाइन से लाइन की दूरी लगभग 3 मीटर तक होनी चाहिए. बांस के पौधे की रोपाई करने के लिए सबसे उपयुक्त महीना जुलाई को माना जाता है. इसकी बुवाई के लगभग 3 से 4 साल बाद इसका पौधा कटाई के लिए तैयार हो जाता है.
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50 साल तक होगा उत्पादन
बांस की खेती आपके लिए एक लंबे समय तक चलने वाली इन्वेस्टमेंट भी हो सकती है. इसका पौधे एक बार लगाने के बाद लगभग 50 सालों तक उपज देता है. बांस की खेती के लिए आपको बस एक बार इन्वेलस्टवेंट करना होता है, जिसके बाद आपको इसकी फसल से मुनाफा ही होता है. इस फसल की खेती करने के लिए आपको ज्यादा रख रखाव की जरूरत नहीं होती है.
भारत में बांस की अधिक डिमांड
भारत में बांस से बनी वस्तुओं का अधिक उपयोग होने लगा है, इससे मार्केट में इसकी लगातार डिमांड भी बढ़ रही है. कई चीजों के निर्माण में भी बांस का उपयोग किया जाता है. खास तौर से फर्नीचर बनाने के लिए बांस का काफी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा अधिकतर लोग बांस से बने घर में सजाने के सामनों की तरफ भी कुछ समय में तेजी से आकर्षित हुए है. गिलास और लकड़ी के अन्य बर्तन बनाने के लिए बांस का उपयोग किया जाता है.