आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग की जाने वाली गुणकारी औषधियों में से एक मुख्य नाम है अश्वगंधा - भारत की एक ऐसी औषधीय फसल जो केवल सेहत के लिए ही नहीं बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है. यह सत्य है कि अश्वगंधा की खेती से आप लगाई हुई कीमत के बदले 3 गुना ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
इस सेहतमंद पौधे की खास बात यह है कि इसकी लागत बेहद कम है और आमदनी बेहतरीन. पूरी दुनिया में इस औषधीय पौधे की मांग बढ़ती जा रही है, क्योंकि हर कोई अपनी सेहत को तंदुरुस्त बनाए रखना चाहता है. अश्वगंधा का हर एक हिस्सा औषधीय माना जाता है फिर चाहे वह जड़, पत्ती, फल हो या बीज हो. अश्वगंधा की सूखी जड़ों से आयुर्वेदिक व यूनानी औषधियां तैयार की जाती है. इनका प्रयोग त्वचा की बीमारियां, गठिया रोग, फेफड़े में सूजन, पेट के फोड़ों आदि का उपचार करने के लिए किया जाता है. तो आइए जानते हैं अश्वगंधा की खेती और साथ ही उससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी के बारे में-:
इस औषधीय पौधे की जड़ों व पत्तियों में से घोड़े के मूत्र जैसी गंध आती है और इसलिए इसका नाम अश्वगंधा पड़ा.
कहां होती है सबसे ज्यादा अश्वगंधा की खेती? (Where the production of Ashwagandha does takes place the most)
अश्वगंधा की खेती पूरे भारत में 10,000 से 11,000 हेक्टेयर में की जाती है. मुख्य तौर पर अश्वगंधा की खेती बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्सों में अश्वगंधा की खेती काफी समय पहले से ही शुरू कर दी गई थी. भारत में अश्वगंधा की खेती लगभग हर जगह की जा सकती है केवल उन इलाकों को छोड़कर जहां ठंड रहती है.
अश्वगंधा की खेती के लिए कैसी जलवायु की आवश्यकता होती है? (Best climate for Ashwagandha farming)
अश्वगंधा के पौधे को बारिश शुरु होने से पहले गर्मी के मौसम में लगाया जाना उपयुक्त माना जाता है. फसल को विकसित होने के लिए शुष्क मौसम चाहिए होता है. जिन जगहों पर पूरे साल में 600 से 800 मिलीमीटर होती है, वहां अश्वगंधा की फसल की वृद्धि अच्छे से होती है.
किस भूमि या मिट्टी पर उन्नत अश्वगंधा की खेती की जा सकती है? (Best soil for the cultivation of Ashwagandha)
अश्वगंधा की उन्नत खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट, बलुई या हल्की लाल मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है जिसका पीएच 7.5 से 8 हो तो यह अश्वगंधा की फसलों के लिए काफी कारगर साबित होता है. सबसे लाजवाब बात यह है कि अगर आपकी भूमि अधिक उपजाऊ नहीं है, तब भी अश्वगंधा की खेती आराम से की जा सकती है.
अश्वगंधा की खेती से कितनी उपज होती है? (How much profit you can earn by the production of Ashwagandha)
अश्वगंधा की फसल लगभग 170 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. अश्वगंधा की फसल से 1 हेक्टेयर में लगभग 9 क्विंटल जड़ और 51 किलो बीज प्राप्त कर सकते हैं. यह कहना बिल्कुल गलत नहीं है कि अगर आप अश्वगंधा की उन्नत खेती करते हैं तो इससे आपको अपनी लागत से 3 गुना अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. अगर आप प्रति हैक्टेयर कुल ₹40,000 खर्च करते हैं तो आपका कम से कम ₹80,000 का मुनाफा होना मुमकिन है.
अश्वगंधा से क्या-क्या फायदे होते हैं? (Health Benefits of Ashwagandha)
अश्वगंधा से पाइए बेहतरीन सुंदरता (Beauty benefits of Ashwagandha)
उम्र बढ़ने के साथ-साथ ढलती सुंदरता को वापस उजागर करना और उसे बनाए रखने का काम अश्वगंधा बखूबी कर लेता है. आपके एजिंग प्रोसेस को धीमा करने के लिए अश्वगंधा के अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स अपना काम कर देते हैं. सफेद बालों को वापस से काले रंग में कर देने के लिए मेलेनिन की क्षमता बढ़ा देने में भी अश्वगंधा माहिर है. इसके अलावा आपके बालों की जड़ों को मजबूत करना और डैंड्रफ से मुक्ति दिलाना भी अश्वगंधा का मुख्य कार्य रहता है.
अश्वगंधा के उपयोग से कैंसर की सेल्स को बढ़ने से रोके ( Ashvgandha helps to stop the growth of cancer cells)
अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के लिए किया जाता है. कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए अश्वगंधा हमारे शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज बना देता है जिससे कि कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकता है.
अश्वगंधा से बनाएं मजबूत इम्यून सिस्टम (Ashvgandha strengthens our immune system)
अश्वगंधा के सेवन से हमारे शरीर में वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स का निर्माण तेजी से होने लगता है जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम काफी शक्तिशाली हो जाता है. आप अश्वगंधा के प्रयोग से खतरनाक स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं और अक्सर होने वाले सर्दी जुखाम को दूर भगा सकते हैं.
मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाए अश्वगंधा (Ashvgandha keeps you away from mental stress)
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक 70% तक अश्वगंधा हमारी मानसिक तनाव जैसी समस्या को दूर भगाने में असरदार साबित होता है. अश्वगंधा से हमारे शरीर और मानसिक संतुलन को ठीक किया जा सकता है और अच्छी और गहरी नींद के जरिए तनाव भी गायब हो जाता है.
अश्वगंधा फर्टिलिटी बढ़ाने में कारगर (Ashvgandha is helpful to increase fertility)
महिलाओं में होने वाली सफेद पानी की समस्या को सुलझाने में अश्वगंधा बेहतरीन साबित हुआ है. स्पर्म क्वालिटी को सुधारने के साथ-साथ अश्वगंधा के उपयोग से महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही फर्टिलिटी में सुधार किया जा सकता है.
पुरुषों की यौन क्षमता बढ़ाता है अश्वगंधा (Ashvgandha boosts the sexual capacity in males)
अश्वगंधा का सेवन करने से उनको फायदा मिलता है जो यौन सुख नहीं ले पाते हैं, क्योंकि इस से आपकी यौन क्षमता बढ़ जाती है और सीमन क्वालिटी भी सुधरती है. अश्वगंधा से मेल हार्मोन लेवल और रीप्रोडक्टिव हेल्थ वक्त के साथ बेहतर होती जाती है.
इतने सारे स्वास्थ्य लाभों से और आर्थिक मुनाफे से भरपूर अश्वगंधा आपकी सेहत व नकदी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. जिस औषधीय फसल की लागत इतनी कम हो और मुनाफा तिगुना हो तो उसके बारे में विचार करना गलत नहीं है. अश्वगंधा की खेती से आपकी सेहत पर तो प्रभाव पड़ेगा ही साथ ही साथ आपकी जेब भी भारी होने से नहीं चूकेगी. आप भी करिए अश्वगंधा की खेती और बदल दीजिए अपनी जिंदगी.
अश्वगंधा की खेती से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए आप औषधीय एवं सौगंध पौधा संस्थान लखनऊ के देवेंद्र कुमार से 0876255785 संपर्क कर सकते हैं.